Site icon The Better India – Hindi

जॉब गयी, तो सिक्योरिटी गार्ड ने शुरू किया चाय स्टार्टअप, महीने की कमाई हुई 2 लाख

Tea Startup

अधिकांश भारतीयों के दिन की शुरुआत एक कप चाय से ही होती है। सुबह बिस्तर पर पड़े-पड़े भी यही मन होता है कि कोई एक गर्म चाय की प्याली तो पिला दे। सच ही तो है! सुबह-सुबह बिस्तर पर चाय पीने का मजा ही कुछ और है। क्या आप भी सुबह-सवेरे अदरक वाली एक कप गर्म चाय पीने के लिए तरस रहे हैं? तो तैयार हो जाएं! क्योंकि, पुणे स्थित एक चाय स्टार्टअप (Tea Startup), वास्तव में आपके घर तक आपकी चाय पहुंचाने का वादा करता है। रेवन शिंदे द्वारा शुरू किया गया ‘अभिमन्यु’ स्टार्टअप आपके एक फोन कॉल पर, आपके घर तक, आपके लिए ताजा गर्म चाय पहुंचाएगा।

अगर आप पहली बार इस चाय को आर्डर कर रहे हैं तो मुबारख हो! क्योंकि, गर्म चाय से भरा यह प्याला, आपके लिए बिलकुल मुफ्त है!

जून 2020 में शुरू हुए ‘अभिमन्यु’ स्टार्टअप से एक महीने में 50,000 रुपये का मुनाफा होता है। इसमें अब पांच कर्मचारी हैं, जो एक दिन में लगभग 700 कप चाय बांटते हैं।

लेकिन, 28 वर्षीय रेवन का कहना है कि वह कभी भी उद्यमी नहीं बनना चाहते थे। उनकी उपलब्धियों की यह यात्रा काफी प्रेरणादायक है। उनके पास जो भी था, उससे उन्होंने जो भी बनाया, सबसे अच्छा बनाया।

मेरी सफलता की प्याली

रेवन बताते हैं, “मैं केवल 12वीं तक पढ़ा हूँ। लगभग छह साल पहले, मैं काम की तलाश में अपने भाई-बहनों के साथ पुणे आया था। यहाँ मैंने पिंपरी-चिंचवाड़ की एक लॉजिस्टिक्स कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में नौकरी हासिल की, जिसमें मुझे महज 12,000 रुपये महीना वेतन मिलता था।”

हालांकि, दिसंबर 2019 में, कंपनी ने अपना काम बंद कर दिया और रेवन ने अपनी नौकरी गंवा दी। “मैंने एक स्नैक्स सेंटर में छोटे-मोटे काम करने जैसी नौकरी भी की। फिर 15 मार्च को, मैंने पिंपरी में ही एक जगह किराए पर ली और अपनी चाय की एक छोटी सी टपरी शुरू की। ”

रेवन को कहां पता था कि एक हफ्ते बाद, देशभर में कोरोना महामारी के कारण एक सख्त लॉकडाउन लग जाएगा। जिसके फलस्वरूप, रेवन द्वारा अपने व्यवसाय में निवेश की गई सभी बचत खत्म हो गई।

जैसे-तैसे समय को पार करते हुए, रेवन ने जून में फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने का एक अवसर देखा। “उन दिनों, शहर धीरे-धीरे खुलने लगा और लोग कम संख्या में काम करने के लिए वापस आने लगे थे। लेकिन फिर भी, स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण, औद्योगिक और बैंकिंग क्षेत्रों के कर्मचारी, अपने नजदीकी चाय वालों से संपर्क करने में झिझक महसूस कर रहे थे। ”

रेवन कहते हैं, दूसरी समस्या यह थी कि तब चाय को प्लास्टिक की थैलियों/पन्नियों में पार्सल किया जाता था, जो एक अस्वस्थ तरीका होने के साथ-साथ ग्राहकों द्वारा नापसंद भी किया जा रहा था। सुरक्षा को प्राथमिकता देने के साथ, रेवन ने इसे अपना विक्रय बिंदु (selling point) बनाने का निर्णय लिया।

वह आगे बताते हैं, “मैं अपने संभावित ग्राहकों तक, सीधे उनके कार्यालयों में थर्मस में गर्म चाय भरकर तथा कागज के बने कप साथ लेकर पहुंचने लगा। मैंने पहले सभी को मुफ्त में ही चाय की पेशकश की क्योंकि, मैं चाहता था कि वे इसे आजमाएं।” इस तरह उनकी गर्म चाय की मांग तेजी से बढ़ने लगी।

चाय के लिए एक सीधा रास्ता

कॉल के 10 मिनट के भीतर ही चाय को ग्राहकों तक, सुरक्षित और स्वच्छ स्थितियों में पहुंचाया जाता है।

उन्होंने दो महीने तक मुफ्त चाय बांटने की कवायद जारी रखी। वह बैंक कर्मचारियों, औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में चाय बांट रहे थे। कुछ समय बाद, ग्राहकों ने उन्हें चाय के ऑर्डर देने के लिए, फोन करना शुरू कर दिया। यह स्टार्टअप, अदरक की चाय के साथ, कॉफी और गर्म दूध भी अपने ग्राहकों तक पहुंचाता है। चाय के एक छोटे कप की कीमत छह रुपये है, जबकि एक बड़े कप की कीमत 10 रुपये है।

रेवन आगे बताते हैं, “मेरे अधिकांश ग्राहकों को सीधे डेस्क पर पहुँच जाने वाली मेरी स्वच्छ और सुरक्षित चाय पी कर काफी खुशी मिलती थी। क्योंकि, उन्हें अपनी सुरक्षा को खतरे में डाल कर, किसी अन्य चाय की टपरी पर नहीं जाना पड़ता था।”

इस काम के शुरूआती छह महीने तक, पिंपरी-चिंचवाड़ में लगभग 700 कप चाय बांटी गई तथा इससे रेवन के बिजनेस को हर दिन 2,000 रुपये का लाभ होने लगा। उन्होंने कहा, ”मेरा मासिक कारोबार 2 लाख रुपये प्रति माह हो गया है, जिससे मुझे 50,000 रुपये का मुनाफा होता है।”

द बेटर इंडिया से बात करते हुए रेवन ने बताया कि उन्होंने अब चाय बांटने की मांग को बढ़ता देख, पांच लोगों को नियुक्त किया है। वह कहते हैं, “एक सेंट्रल किचन में चाय बनाई जाती है। मेरे इस बिजनेस में सोलापुर गांव के पांच लोग काम करते हैं, जिनमें से कुछ छात्र हैं।”

दूसरों की सेवा में

रेवन पांच लोगों को रोजगार देने के साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों से आये कई छात्रों की शिक्षा का खर्च भी उठाते हैं।

रेवन का कहना है कि एक साल पहले की तुलना में उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। लेकिन, यह उनके बड़े भाई के बिना संभव नहीं था। उन्होंने बताया कि, “मेरा पहला बिजनेस असफल होने के बाद, मेरे परिवार का मुझ पर से विश्वास उठ गया था। मेरे बड़े भाई सिधाराम, जो एक डिलीवरी पार्टनर के रूप में काम करते हैं, ने मुझे उस संकट के दौर में काफी प्रोत्साहित किया और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।”

यह पूछे जाने पर कि उनका परिवार अब उनकी सफलता के बारे में क्या सोचता है, रेवन ने जवाब देते हुए कहा कि, “लोग तो हमेशा ही आपके आस-पास होते हैं और अच्छे समय के दौरान आपकी काफी सराहना भी करते हैं, लेकिन मुसीबत के समय, आपको इसे अकेले ही सहन करना पड़ता है। आज, मेरे परिवार वाले मेरे प्रयासों की प्रशंसा करते हैं और मुझे काफी सहयोग भी करते हैं।”

रेवन ने अपने गांव के छात्रों की भी मदद करना शुरू कर दिया है। वह कहते हैं, “बहुत से गरीब छात्र, जो यहाँ पढ़ने के लिए आते हैं। मैंने उनके आवास और भोजन का खर्च उठाने के लिए, किराए पर एक कमरे की व्यवस्था की है। मैं अभी मात्र पांच छात्रों का खर्च उठा सकता हूं। लेकिन, यदि मेरी आर्थिक स्थिति ज्यादा बेहतर हो गई तो मैं इससे अधिक लोगों की मदद कर पाऊंगा। इन छात्रों को सुविधाएं देने से पहले वह उनकी पृष्ठभूमि (background) की जाँच कर, यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें वास्तव में सहायता की जरूरत है या नहीं। ”

अब, यह युवा उद्यमी अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अंत में रेवन कहते हैं, “वर्तमान में, हम केवल पिंपरी-चिंचवाड़ क्षेत्र में चाय बांटते हैं। लेकिन, अब मैं पुणे नगरपालिका क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में भी चाय बांटने के लिए, अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने की योजना बना रहा हूं। साथ ही, मैं अब अपने ग्राहकों के अनुरोध को पूरा करते हुए, उन्हें चाय के साथ अच्छे स्नैक्स देने की योजना भी बना रहा हूँ।”

मूल लेख: हिमांशु नित्नावरे

संपादन – जी एन झा

यह भी पढ़ें: Grow Grapes: सीखिए, गमले में अंगूर उगाने के आसान तरीके

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

Tea Startup Tea Startup Tea Startup Tea Startup Tea Startup Tea Startup Tea Startup

Exit mobile version