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लाकडाउन में गई नौकरी तो सुनी अपने मन की आवाज, शुरू किया होममेड फूड स्टार्टअप

Homemade Food Startup

कोरोना महामारी के दौरान लगे लाकडाउन में जिन लोगों की नौकरी गई, उनमें उत्तराखंड की मालती हलदार भी एक हैं। लेकिन, मास कम्युनिकेशन में पीएचडी करने वाली मालती ने हालात के आगे झुकने के बजाय, उसका सामना किया और ‘आपदा’ को ‘अवसर’ में बदलते हुए, अपने बचपन का सपना पूरा करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया। उन्होंने ‘Mal_Cui’ नाम से अपने एक ‘होम किचन’ की स्थापना की। अब वह लोगों तक, मछली के विभिन्न व्यंजनों का लाजवाब स्वाद पहुंचा रही हैं। अपने इस होममेड फूड स्टार्टअप (Homemade Food Startup) के जरिए, उन्होंने पांच महिलाओं को रोजगार भी दिया है।

मालती हलदार

कोरोना ने सब बदल दिया

देहरादून के मोथरोवाला में रहने वाली मालती ने द बेटर इंडिया को बताया, “मैं एक हेल्थ केयर एनजीओ (NGO) में बतौर डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन के रूप में काम करते हुए, हर महीने 60 हजार रुपए कमा रही थी। देखा जाये तो मेरी जिंदगी में कोई कमी नहीं थी। लेकिन, कोरोना काल ने मेरी जिंदगी बदल दी। लाकडाउन की वजह से, हम लोग घरों में कैद होकर रह गए। इस बीच नौकरी भी नहीं रही। दो महीने गुजरने के बाद, जब लगने लगा कि हालात जल्दी नहीं बदलने वाले तो मैंने भविष्य की योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया।”

शुरू किया फूड स्टार्टअप

कुछ अपना करने की चाह में, मालती के सामने सबसे पहले सवाल यह था कि वह क्या कर सकती हैं? उनके पास विकल्प कई थे लेकिन, उन्होंने अपने बचपन के सपने को नया रूप देने पर विचार किया। मालती के मुताबिक, वह बचपन से ही नॉनवेज और खास तौर पर मछली खाने की शौकीन हैं। शादी के बाद भी, उन्होंने दोस्तों को घर बुलाकर, बढ़िया खाना खिलाने और मेजबानी करने के अपने शौक को जारी रखा। ऐसे में, उन्होंने फूड बिजनेस शुरू करने की तरफ ध्यान दिया और मछली के व्यंजनों से जुड़ा, एक नॉनवेज फूड स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया। इस तरह होम किचन ‘Mal_Cui’ की शुरुआत हुई।

मालती के होम किचन में तैयार होता मछली का एक व्यंजन

सोशल मीडिया से मिली कामयाबी

मालती ने अपने होम किचन का नाम अपने ही नाम पर ‘Mal_Cui’ (Malti Cuisine) रख दिया। उन्हें शुरुआती कामयाबी, सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के जरिए मिली। उन्होंने ‘फिश फ्राई ऑन बनाना लीफ’, ‘अरेबियन चिकन बिरयानी’, ‘प्रॉन मलयाली करी’, ‘वाइल्ड गोश्त’ (मटन विद पहाड़ी फ्लेवर), ‘रेशमी चिकन कबाब’ और ‘हरियाली चिकन’ के मेन्यू के साथ शुरुआत की। वेज लोगों के लिए मलाई कोफ्ता की पेशकश की गई है। उनके शुरुआती ग्राहक, उनके दोस्त तथा कुछ परिचित लोग ही थे। वह बाजार से सामान लातीं, रेसिपी तैयार करतीं और खुद ही उन्हें डिलीवर भी करतीं। इस तरह, उन्हें ऑर्डर मिलने लगे और ऑर्डर बढ़ने के साथ ही, मालती का काम भी बढ़ने लगा। करीब दो महीने बाद, मालती को हर रोज 20-25 से अधिक ऑर्डर मिलने लगे‌। 

बनाई पांच महिलाओं की एक टीम

जब मालती का काम बढ़ा तो उन्होंने कुछ सहयोगी भी रख लिए। अब, उनकी पांच महिलाओं की एक टीम है। इसके अलावा, उन्होंने देहरादून के क्लेमेंट टाउन में किराये पर एक जगह भी ली है। जिसमें वह ग्राहकों के लिए, बैठकर खाने की व्यवस्था करने में जुटी हुई हैं। फिलहाल, वह ग्राहकों के ऑर्डर पर होम डिलीवरी करना जारी रखेंगी। लेकिन आने वाले कुछ दिनों में, ग्राहक इस होम किचन में बैठकर, मछली के ताजा व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे।

किचन में व्यंजन तैयार करतीं मालती

पहाड़ी मसालों को दे रहीं बढ़ावा

‌मालती के होम किचन ‘Mal_Cui’ की खास बात यह है कि वह अपने हर व्यंजन में शुद्ध पहाड़ी मसालों का प्रयोग कर रही हैं। उन्होंने उत्तराखंड के मत्स्य उत्पादन को भी बढ़ावा देने का काम किया है। वह सरकारी ‘फिश आउटलेट’ की स्थानीय मछली से ही अपने कुछ व्यंजन बना रही हैं। मालती के पति इंद्रेश मैखुरी, एक राज्य आंदोलनकारी और सोशल वर्कर भी हैं। ऐसे में उन्हें भावनात्मक सहारा तो मिल जाता है, लेकिन ‘Mal_Cui’ की सारी जिम्मेदारी उन्हीं के ऊपर है।

बचपन के शौक को बनाया आपना रोजगार

चुना अपनी पसंद का रोजगार

साल 2002 में, मालती ने अपने करियर की शुरुआत ‘प्रकृति ग्रुप’ में बतौर फील्ड मोबिलाइजर की थी। इसके बाद, उन्होंने अपने करीब 20 साल के करियर में कई संस्थाओं के लिए, उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में काम किया। 41 वर्षीया मालती ने नैनीताल विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन करने के बाद, गढ़वाल विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उसके बाद, उन्होंने मास कम्युनिकेशन में पीएचडी की डिग्री भी हासिल की है। साथ ही, वह ‘यूएन वूमेन सिविल सोसायटी एडवाइजरी कमीटी’ की सदस्य भी हैं। उनके पास जीवन जीने के और भी कई रास्ते हो सकते थे। इसके बजाय, उन्होंने अपनी पसंद के क्षेत्र में आगे बढ़ने पर विचार किया और अब, जब उनकी मेहनत रंग ला रही है तो वह और उनसे जुड़े लोग बेहद खुश हैं।

‘Mal_Cui’ होम किचन

इरादा पक्का कर, मैदान में उतर जाएं

लॉकडाउन के बुरे दौर में हमने देखा कि नौकरी जाने पर ढेरों लोग डिप्रेशन का शिकार हो गए और कई लोगों ने तो अपना जीवन समाप्त कर लिया। ये मामले ज्यादातर ऐसे लोगों के थे, जिन पर पारिवारिक जिम्मेदारियां थीं। मालती कहती है, ‘जीवन को समाप्त करना कायरता है। हालात चाहे जैसे हों पर, हमें अपनी जिंदगी से हार नहीं माननी चाहिये। जरूरत बस इस बात की है कि आप खुद को पहचाने और अपनी रुचि को जाने। इस प्रकार काम करने से आपको आज नहीं तो कल, कामयाबी जरूर मिलेगी। अंत में वह बस इतना ही कहती हैं, “इरादा करिए, योजना बनाइए और फिर मैदान में उतर जाइए। आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता। उपलब्ध संसाधनों का सही इस्तेमाल ही सफलता का दूसरा नाम है।”

संपादन – प्रीति महावर

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