बीते शनिवार, 19 जनवरी 2019 को दिल्ली पुलिस ने देर रात को काफ़ी जद्दोज़हद के बाद मानव तस्करी के एक बड़े अपराधी, लोपसंग लामा को गिरफ्तार किया। वैसे तो लामा नेपाल से है लेकिन अब उसका परिवार अरुणाचल प्रदेश में रहता है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लामा अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर नेपाली लड़कियों को नौकरी दिलवाने के बहाने उनकी अरब देशों में तस्करी करता था। पिछले साल ही दिल्ली पुलिस ने दिल्ली महिला आयोग के साथ मिलकर 16 नेपाली लड़कियों की दिल्ली में मुनिरका के एक फ्लैट से बचाया था। तब से ही दिल्ली पुलिस इस मानव तस्करी के मास्टरमाइंड लामा की तलाश में थी।
आख़िरकार, शनिवार को दिल्ली पुलिस ने इसे पकड़ ही लिया। हालांकि, लामा को गिरफ्तार करना दिल्ली पुलिस के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। पर दिल्ली पुलिस के साहसी कांस्टेबल मनोज त्यागी ने इस कुख्यात को पकड़कर ही दम लिया।
दरअसल, पिछले साल दिल्ली पुलिस की नज़रों में आने के बाद से लामा अंडरग्राउंड हो गया था। कई बार उसे पकड़ने के दिल्ली पुलिस के प्रयास असफल रहे। लेकिन कुछ समय पहले ही एसीपी संजय दत्त की टीम को सुचना मिली कि लामा अपने किसी साथी से मिलने वज़ीराबाद आएगा। इसलिए पुलिस की टीम पहले से ही चौकन्नी थी।
पुलिस को जैसे ही पता चला कि लामा कश्मीरी गेट पर आ रहा है; तो इंस्पेक्टर दलीप कुमार और अतुल त्यागी अपनी टीम के साथ यहाँ पहुंच गये और उसे घेर लिया। हालांकि, चारों तरफ पुलिस को देखकर उसने यमुना में छलांग लगा दी। उसे लगा कि ऐसे वो फिर एक बार बचकर भाग जायेगा।
पर उसके छलांग लगाते ही दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल मनोज त्यागी भी तुरंत उसके पीछे नदी में कूद गये। लगभग 400 मीटर तक लामा का पीछा करने के बाद उसे पकड़ लिया।
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया कि 33 वर्षीय लामा पर अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी का मुकदमा है और उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रूपये का इनाम भी था। नेपाली लड़कियों को भारत के रास्ते अरब देशों तक पहुँचाने के कई मुकदमे उस पर हैं।
लामा एक बार फिर दिल्ली पुलिस की गिरफ्त से बच निकलता; अगर कांस्टेबल मनोज त्यागी ने बहादुरी ना दिखाई होती। वरना किसी के लिए भी खून जमा देने वाली सर्दी में बर्फ़-से ठंडे पानी में कूदना आसान बात नहीं है। बेशक, हम सबको कांस्टेबल त्यागी पर गर्व है।