यह प्रेरणादायक कहानी हैदराबाद के 25 वर्षीय युवा की है जो हर दिन 1000 से भी अधिक जरूरमंदों को सुबह का नाश्ता उपलब्ध करवाते हैं। सिर्फ भूखे और जरूरतमंद लोगों की सेवा करने में सुकून महसूस करने वाले इस युवा का नाम है मोहम्मद शुजातुल्लाह।
हैदराबाद के फार्मा कॉलेज में पढ़ाई कर रहे शुजातुल्लाह ने 2016 में ह्यूमैनिटी फर्स्ट फाउंडेशन की नींव रखी थी। उन्होंने अपने दोस्तों के साथ सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के आस-पास जरूरतमंदों को रात में भोजन पहुंचाना शुरू किया। आगे चलकर जब उन्हें लोगों का सहयोग मिलने लगा तो हैदराबाद के नीलोफर हॉस्पिटल में सुबह का नाश्ता बांटना शुरू कर दिया।
इस अस्पताल में दूर-दूर से लोग इलाज करवाने आते हैं। इन्हीं जरूरतमंद लोगों को हर दिन नाश्ता पहुंचाने का काम ह्यूमैनिटी फर्स्ट फाउंडेशन करता है।
फाउंडेशन ने अपने इस नेक काम को आगे बढ़ाते हुए हैदराबाद के दो अन्य अस्पताल कोटी मैटरनिटी और निम्स हॉस्पिटल में भी नाश्ता भेजना प्रारम्भ कर दिया है। प्रतिदिन नाश्ते में स्वादिष्ट उपमा, इडली, खिचड़ी तैयार करके शुजातुल्लाह और उनकी टीम तय समय पर अस्पताल पहुंच जाती है।
प्रतिदिन 1000 से ज्यादा लोगों को यह टीम नाश्ता कराती है और वहीं रात को जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करवाती है। यह टीम हर रविवार को अस्पताल के अलावा वृद्धाश्रम और अनाथाश्रम में भी जाकर नाश्ता वितरण करती है।
शुजातुल्लाह कहते हैं कि यदि आप किसी की मदद करें तो ऊपरवाला आपकी मदद जरूर करता है। वह जरूरतमंद लोगों के लिए सिलाई ट्रेनिंग एवं मेडिकल कैंप भी आयोजित करवाते हैं।
शुजातुल्लाह कहते हैं कि इस काम में परेशानी भी आती है लेकिन उनका काम कभी रूका नहीं है। वह कहते हैं, “काम के दौरान तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी ख़राब मौसम कभी साथियों की कमी, लेकिन एक भी दिन हमने अस्पतालों में नाश्ता भेजने में देरी नहीं की है। मुझे पता है कि यदि नाश्ता नहीं गया तो जो लोग इंतजार करते हैं, वो भूखे रह जाएंगे।”
शुजातुल्लाह का सपना है कि देश भर के अस्पताल में लोगों को इसी तरह का नाश्ता उपलब्ध करवाया जाए। वह बीमार और जरूरतमंद लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाना चाहते हैं।
ईमानदारी और मेहनत से जरूरतमंद लोगों की सेवा करने वाले शुजातुल्लाह की हर कोई तारीफ करता है। वह हर किसी के लिए मिसाल कायम कर रहे हैं। शुजातुल्लाह ने आज ना सिर्फ हैदराबाद बल्कि पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है, जिसने यह सिखाया की सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है। द बेटर इंडिया इस युवा के जज्बे को सलाम करता है।
लेखक- अमित कुमार शर्मा
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