कैमूर मगध साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यहां पर्यटकों के लिए किलों, मंदिरों, बहती नदियों, झरनों, घने जंगलों और सुंदर पिकनिक स्थलों से लेकर ढेर सारे आकर्षण केंद्र हैं।
घूमने की जगहें- मुंडेश्वरी मंदिर, बैद्यनाथ मंदिर, कैमूर वन्यजीव राष्ट्रीय उद्यान, करकट झरना, भभुआ, रामगढ़ और अधौरा।
इस शहर का नाम बरहौलिया राजपूत चंद्र साह के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने शहर की स्थापना की थी। बाद में, उनके वंशजों ने चंदौली में एक किले का निर्माण किया।
घूमने की जगहें- देवदारी वॉटर फॉल, राजदारी वॉटर फॉल, मुशकंद बांध, चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य, लतीफ शाह बांध, किले।
मिर्जापुर के चर्चे इतिहास में बहुत बार मिलते हैं। यहाँ पाए गए शैल चित्र और कलाकृतियाँ यह साबित करने के लिए काफी हैं कि इस क्षेत्र में पुरापाषाण युग मौजूद था और यहाँ सभ्यता के संकेत 5000 ईसा पूर्व के हैं।
घूमने की जगहें- घण्टा घर, विंध्याचल, ओझला पुल, घाट, स्मारक, चुनार किला और काल भैरवी मंदिर।
सोनभद्र उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा प्रशासनिक जिला है और यह कुछ सबसे आकर्षक प्राचीन किलों, स्मारकों और संरचनाओं का घर है। यह अपने प्राचीन किलों और रॉक नक्काशियों के लिए प्रसिद्ध है।
यह वाराणसी से लगभग 95 किमी दूर एक प्राचीन शहर है।
यह कभी कौशाम्बी साम्राज्य की राजधानी थी और अपने ऐतिहासिक स्मारकों और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। कौशाम्बी के कुछ लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में घोसीताराम बौद्ध मठ, कौशाम्बी संग्रहालय और कौशाम्बी मंदिर शामिल हैं।
वाराणसी में रहते हैं और इस वीकेंड कहीं घूमने जाना चाहते हैं, तो आस-पास की इन जगहों का बना सकते हैं प्लान।