UPSC CSE की तैयारी कर रहे हैं, तो ये 10 महत्वपूर्ण समितियां हैं आपके काम की, जिनसे अक्सर भारतीय राजनीति सिलेबस के तहत प्रीलिम्स और मेन्स दोनों परीक्षाओं में सवाल पूछे जाते हैं।

1.

टैक्स रिफॉर्म कमेटी

भारत सरकार ने अगस्त 1991 में डॉ. राजा जे चेलिया की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया। समिति ने केंद्रीय करों की प्रणाली में व्यापक सुधार के लिए सिफारिशें कीं।

कर सुधार समिति (TRC) को 'राजा चेलिया समिति' के नाम से भी जाना जाता है। यह समिति, मुख्य रूप से भारत में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में सुधार के लिए बनाई गई थी।

2.  रेखी कमेटी

भारत सरकार ने 1992 में के एल रेखी की अध्यक्षता में रेखी समिति का गठन किया। इसका मकसद इन्डायरेक्ट टैक्सेशन सिस्टम में सुधारों को सुगम बनाना था।

इस समिति की एक सिफारिश में करदाताओं और टौक्स कलेक्टर्स के बीच समस्याओं से निपटने के लिए एक न्यायाधिकरण स्थापित करने का सुझाव शामिल था।

3.

2002 में डॉ. विजय केलकर की अध्यक्षता में इस टास्क फोर्स का गठन किया गया था। 

केलकर कमेटी

इस टास्क फोर्स की मुख्य सिफारिशें- आयकर छूट की सीमा बढ़ाने, दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को खत्म करने, संपत्ति कर को समाप्त करने आदि से संबंधित हैं।

4.  नरसिम्हम कमेटी

नरसिम्हम-I समिति का मकसद, वित्तीय प्रणालियों की संरचना, संगठन, कार्यों और प्रक्रियाओं से संबंधित सभी पहलुओं का अध्ययन करना और उनकी  उत्पादकता में सुधार की सिफारिश करना था।

नरसिम्हम समिति II ने बैंकों के नियामक और बैंकों के मालिक के रूप में आरबीआई की भूमिकाओं को अलग करने का प्रस्ताव रखा।

5.

यह समिति 1962 में स्थापित की गई थी, जब लाल बहादुर शास्त्री ने समिति की अध्यक्षता करने के लिए के. संथानम को नियुक्त किया था।

संथानम् कमेटी

इस समिति ने भ्रष्टाचार के खतरे से लड़ने के लिए कई सिफारिशें कीं। इसने सरकार के सभी विभागों और प्रमुख संगठनों में केंद्रीय सतर्कता आयोग और प्रशासनिक सतर्कता प्रभागों के गठन की सिफारिश की।

6.  विनिवेश आयोग

अगस्त 1996 में, भारत सरकार ने उद्योग मंत्रालय के तहत एक विनिवेश आयोग की स्थापना की। इस आयोग के पहले अध्यक्ष जी. वी. रामकृष्ण थे।

7.

गरीबी माप पद्धति की समीक्षा के लिए डॉ. सी रंगराजन की अध्यक्षता में इसका गठन किया गया था। समिति ने ग्रामीण गरीबों के लिए रोज़ प्रति व्यक्ति खर्च 27 रुपये से बढ़ाकर 32 रुपये और शहरी गरीबों के लिए 33 रुपये से बढ़ाकर 47 रुपये कर दी।

सी रंगराजन कमेटी

 इस तरह गांवों में औसत मासिक प्रति व्यक्ति खर्च के आधार पर गरीबी रेखा को बढ़ाकर 972 रुपये कर दिया गया और शहरों में 1,407 रुपये।

8.  मंडल कमीशन

इसे सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग आयोग (SEBC) भी कहा जाता है। 

मोरारजी देसाई सरकार ने जातिगत भेदभाव को दूर करने और सामाजिक/शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान करने के लिए 1979 में इसकी स्थापना की थी। इसकी अध्यक्षता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बी. पी. मंडल ने की।

यह समिति, हथकरघा उद्योग के विकास में अपने असाधारण काम के लिए जानी जाती है। इस समिति की 1997 की रिपोर्ट की सिफारिश के तहत, 500 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय हथकरघा कोष स्थापित किया गया था।

9. मीरा सेेठ कमेटी

भारत के पूर्व कैबिनेट सचिव, टी एस आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में, इस समिति का गठन अक्टूबर 2015 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत किया गया था।

10.  नई शिक्षा नीति के          विकास के लिए                 समिति

रिपोर्ट में एक शिक्षा नीति का प्रस्ताव किया गया था, जिसमें वर्तमान शिक्षा प्रणाली के सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान करने की मांग की गई थी।  इस समिति द्वारा की गई कई सिफारिशों को अब नई शिक्षा नीति के तहत लागू किया गया है।