3 मार्च 1839 को एक भारतीय पारसी परिवार में जन्मे जमशेदजी टाटा ने मात्र 14 साल की उम्र में अपने पिता के साथ मुंबई आकर व्यवसाय जगत में कदम रखा।

By Archana Dubey

टाटा समूह के संस्‍थापक जमशेदजी नुसरवानजी टाटा ने अपने कारोबारी जीवन की शुरुआत गुजरात के नवसारी में पढ़ाई करने के दौरान की थी।   इसके बाद उन्होंने 17 साल की उम्र में मुंबई के एलफिंसटन कॉलेज में दाखिला लिया और टॉपर के तौर पर डिग्री पूरी की। 

Floral

जमशेदजी टाटा ने जीवन के चार लक्ष्य निर्धारित किएः एक लौह और स्टील कंपनी खोलना, एक विश्वस्तरीय इंस्टीट्यूशन स्थापित करना, एक होटल खोलना और एक हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट स्थापित करना।  

White Bag

हालांकि वह अपनी जिंदगी में एक ही लक्ष्य को पूरा कर सके, वह है एक वर्ल्ड क्लास होटल होटल खोलना। उनके बाकी के सपने को उनकी आने वाली पीढ़ियों ने पूरा किया। लेकिन होटल खोलने की कहानी बेहद दिलचस्प है।

एक बार जमशेदजी टाटा मुंबई के काला घोडा इलाके में मौजूद वाॅटसन होटल गए थे। जहां उन्हें अंदर जाने से सिर्फ इसलिए रोक दिया गया क्योंकि उस होटल में सिर्फ गोरे लोग ही जा सकते थे।

इसके बाद जमशेदजी टाटा ने मुंबई में एक भव्य होटल बनाने का फैसला लिया, जिसमें सभी लोग आ जा सकें और साल 1898 में उन्होंने मुंबई के ताज होटल की नींव रखी। 

इसे बनाने में कुल 4 साल का समय लगा और 16 दिसंबर 1902 को पहली बार ताज होटल आम जनता के लिए खोला गया था। उस समय ताज होटल पूरी मुंबई में पहली ऐसी इमारती थी, जिसमें बिजली की सुविधा थी। 

इस होटल के लिए जमशेदी टाटा खुद दुनियाभर में घूमकर अलग- अलग देशों से सामान लेकर आए थे।  ब्रिटेन की एक ब्रांड वैल्यू कंसल्टेंसी फर्म, ब्रांड फाइनेंस ने ताज होटल को 2021 में ‘दुनिया का सबसे मजबूत होटल ब्रांड करार दिया, जो बताता है कि ताज होटल देश के ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन होटलों में शामिल है।

जमशेदजी की मेहनत और दूरगामी सोच ने ही पहली बार भारत को औद्योगिक तौर पर आत्‍मनिर्भर बनने का सपना भी दिया। 

उद्योगों के साथ-साथ उन्होंने विज्ञान व तकनीकी शिक्षा के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराई।

19 मई, 1904 को दुनिया को अलविदा कहने से पहले उन्होंने कपड़ा, चाय, तांबा और पीतल का बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया था।  आज उनके द्वारा शुरू की गई कंपनियां दिग्गज टाटा समूह के तौर पर पहचानी जाती हैं।