‘मिट्टी महल’: मात्र चार लाख में तैयार हुआ यह दो मंजिला घर

पुणे के आर्किटेक्ट दम्पति, सागर शिरुडे और युगा आखरे ने प्राकृतिक और स्थानीय वस्तुओं से चार महीने में तैयार किया अपने लिए दो मंजिला मिट्टी का घर।

मात्र मिट्टी और बांस का इस्तेमाल करके उन्होंने इस दो मंजिला फार्महाउस को तैयार किया है। 

आज ये दोनों, शहर की भीड़-भाड़ से दूर यहीं रहकर अपना काम कर रहे हैं और सिर्फ प्रोजेक्ट्स के सिलसिले में ही बाहर जाते हैं।

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जब वह घर बना रहे थे, तब गांव के लोगों ने उन्हें कहा कि इस इलाके में हर साल भारी बारिश होती है।   ऐसे में मिट्टी का घर कैसे टिक पाएगा।  

लेकिन इन दोनों को विश्वास था कि मिट्टी का इस्तेमाल करके बने किले सालों-साल खड़े रहते हैं, तो हमारा घर क्यों नहीं रहेगा।

उन्होंने सीमेंट की खाली बोरियों में मिट्टी और चुना भरकर अर्थ बैग बनाया और एक सस्टेनेबल घर बनाने की शुरुआत की।

पूरी बॉउंड्री की दीवार के लिए, उन्होंने 3500 मिट्टी की बोरियों की ईंटें बनाईं

उन्होंने थन्नाल (Thannal) में जाकर मिट्टी के घर बनाने की 10 दिन की वर्कशॉप भी की थी।

घर के लिए उन्होंने फार्म की ही लाल मिट्टी और घास का उपयोग किया है।  जबकि दीवार के लिए पास के जंगल से उन्होंने कार्वी स्टिक और बांस की चटाई का इस्तेमाल किया। 

इस घर में नीचे के भाग में एक बरामदा, बैठक, रसोई और बाथरूम है, जबकि ऊपर की  ओर एक और कमरा और छत बनाई गई है। ऊपर के भाग में बांस से ही छत बनाई गई है।

इस तरह से यह पूरा घर बिना सीमेंट और कंक्रीट के बनकर तैयार हुआ है।

उन्होंने भारी बारिश से बचाव के लिए घर की छत से एक्सटेंशन्स दिए हैं। जिससे पानी बाहरी दीवारों को ज्यादा छू नहीं पाता।

इस दो मंजिला घर को बनाने का खर्च मात्र 500 रुपये प्रति स्क्वायर फ़ीट के हिसाब से तक़रीबन चार लाख रुपये आया है।

आने वाले समय में वे कंक्रीट के घर के बजाय, इसी तरह पर्यावरण के अनुकूल काम करना चाहते हैं।

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