यह लगभग 400 साल पुराना है जो दीव का आज तक कार्यरत एकमात्र चर्च माना जाता है। गोथिक स्थापत्य शैली वाला यह चर्च यहाँ का सबसे बड़ा पुर्तगाली कैथोलिक चर्च है। इसका आकर्षक आर्किटेक्चर भी देखने लायक हैं।
इस भव्य इमारत को पुर्तगालियों ने 1535 में बनाया था। इस किले के पास पर्यटक वेनिशियन-गोथिक स्टाइल का बंगला और खूबसूरत लाइटहाउस देख सकते हैं।
एक दख्मा या टॉवर ऑफ साइलेंस एक गोलाकार खूबसूरत स्ट्रक्चर है, जो जोरास्ट्रियन ने मृतकों के लिए बनाए थे। यह फारस से भारत में पारसी लोगों के प्रवास का सबूत है।