UPSC 2022 के नतीजों के साथ ही कई उम्मीदवारों के संघर्ष की कहानियां भी हमारे सामने आई। लेकिन मैनपुरी के सूरज तिवारी जैसी मिसाल मिलना मुश्किल है।

उन्होंने UPSC में 917वीं रैंक हासिल की है, लेकिन जिस हालत और हालात में उन्होंने पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है वह अपनेआप में अविश्वसनीय है!

2017 में गाजियाबाद के दादरी में एक ट्रेन दुर्घटना में 26 वर्षीय सूरज ने अपने दोनों पैरों के साथ-साथ अपने दाहिने हाथ और बाएं हाथ की दो अंगुलियों को खो दिया था।

उनके पिता एक दर्जी और मां गृहिणी हैं, उनके दो और भाई-बहन भी है। पिता ने सिलाई करके पूरे परिवार को संभाला और बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाई। 

हालांकि सूरज ने कभी कमज़ोर आर्थिक स्थिति और अपनी दिव्यांगता को अपनी मंज़िल के रास्ते की बाधा नहीं बनने दिया। चार महीने अस्पताल में रहने के बाद 2018 में उन्होंने JNU दिल्ली में नये सिरे से BA में एडमिशन लिया।

वहां से 2021 में BA पास कर उन्होंने MA की डिग्री भी हासिल की। बचपन से ही होनहार सूरज तिवारी पढ़ाई के साथ UPSC की तैयारी करते रहे और पहले अटेम्पट में UPSC क्रैक कर 917वीं रैंक पाई।

बेटे की सफलता से खुश सूरज के पिता राजेश तिवारी ने बताया, "घटना के बाद भी उसका मन कभी छोटा नहीं हुआ। वह हमेशा कहता था कि आप लोग घबराइए मत। सूरज जैसा बेटा हर घर में पैदा हो।"

सूरज की सफलता की कहानी रिजल्ट जारी होने के बाद देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। संघर्ष व मेहनत से भरा उनका यह सफर कई लोगों के लिए प्रेरणा बना है।

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