ज्यादातर कर्नाटक में उगाया जाने वाला और हल्का उबाला हुआ यह चावल विटामिन और मिनरल्स से भरपूर है। हाई फाइबर कंटेंट की वजह से यह डॉयबिटीज़ के मरीज़ों के लिए काफ़ी अच्छा है।
झंगोरा को इंडियन बार्नयार्ड मिलेट के नाम से भी जाना जाता है। यह खास तौर पर उत्तराखंड राज्य में होता है। इस पौष्टिक आहार के छोटे-छोटे गोल बीज होते हैं, जिसे वर्त के दौरान फलाहार के रूप में भी खाया जाता है।
जामुन के बीज में फ्लेवोनोइड और फेनोलिक यौगिक पाये जाते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट हैं.. इनसे हमारे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। झारखंड में आदिवासी किसान जीवनयापन के लिए जामुन पाउडर बनाते हैं।
बांस के चावल का स्वाद कुछ-कुछ गेहूं जैसा होता है और ग्लाइकेमिक इंडेक्स कम होने की वजह से यह मधुमेह के रोगियों के लिए फ़ायदेमंद है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन की भी अधिक मात्रा होती है और फ़ैट नहीं होता।
जड़ी बूटियों वाली यह चाय कोई नॉर्मल चाय नहीं है, इसकी पत्तियों में आवश्यक पोषक तत्व विटामिन ए, सी, डी, आयरन, पोटेशियम और कैल्शियम पाए जाते हैं। यह हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है।
यह एक जैविक रूप से उगाया जाने वाला अदरक है, जिसकी खेती असम के कार्बी आंगलोंग जिले में होती है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो हमारे इम्युनिटी सिस्टम और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनता है।
भुने हुए लहसुन के साथ प्राकृतिक हिमालयन सेंधा नमक का एक स्वादिष्ट मिश्रण, यह नमक स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके आयोडीन वाले टेबल नमक से स्वाद के मामले में भी कहीं बेहतर है।
यह गेहूं सामान्य गेहूं से कहीं ज़्यादा पौष्टिक है और बीमारियों से लड़ने मे मददगार होता है। इसमें आयरन भी अत्यधिक मात्रा में होता है और यह कैंसर, ब्लड प्रेशर, मोटापा, शुगर वाले पेशेंट के लिए बहुत अच्छा गेहूं है।
प्रोटीन और फाइबर से भरपूर, यह ख़ास और स्वादिष्ट राजमा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और सेल रिपेयर में मदद करता है।
भारत के अन्य भागों में उगाई जाने वाले नींबू की अन्य किस्मों से अलग कचाई नींबू को अद्वितीय माना जाता है क्योंकि इसमें 51% एस्कॉर्बिक एसिड होता है। उखरूल जिले के कचाई गांव में उगाया जाने वाले इस नींबू को GI टैग भी मिला हुआ है।
मेघालय की इस हल्दी को दुनिया की सबसे बेहतरीन हल्दी में गिना जाता है। लकडोंग हल्दी में करक्यूमिन (एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट जो अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है) की मात्रा 6% से 7% के बीच होती है।