बचपन में हाथ खो दिए, लेकिन हौसला नहीं हारे अहमदाबाद के बाबू भाई
मुँह में पेंसिल रखकर करते थे पढ़ाई
बच्चों को पढ़ाना था उनका लक्ष्य
दसवीं पास कर की टीचर्स ट्रेनिंग
एक समाज सेवक के जरिए मिला गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम
हरदिन सात किमी बस से जाते हैं इन बच्चों को पढ़ाने
खुद की बेटी को सरकारी नौकरी करता देखना चाहते हैं बाबू भाई
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