किसी मसीहा से कम नहीं जमुई, बिहार के डॉ.  शंकरनाथ झा।  

पेशे से डॉक्टर शंकरनाथ झा एक बाल रोग विशेषज्ञ हैं।  साल 2019 में, मेडिकल ऑफिसर के पद से रिटायर होने के बाद उन्होंने अपना जीवन इलाके के दलित बच्चों की ज़िंदगी सुधारने में लगा दिया।  

स्वास्थ्य अधिकारी रहते हुए उन्होंने महसूस किया कि बच्चों में शिक्षा की बहुत कमी है।

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जिसके बाद उन्होंने शिक्षा और इन बच्चों की सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने का ज़िम्मा उठाया।

उन्होंने दलित बच्चों की एक छोटी बस्ती से शुरुआत की और आज वह 55 बस्तियों के 5500 बच्चों को स्कूल से जोड़ चुके हैं।

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उन्होंने कुछ और लोगों की सहायता से इन बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल बनवाया।  

इतना ही नहीं, वह 900 बाल मजदूरों को स्कूल में दाख़िल करवा चुके हैं।  

साथ ही, 450 बच्चों को बाल विवाह से भी बचाया है।

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शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए, पिछले साल उन्हें डॉ. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।  

समाज को बेहतर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, डॉ. झा को द बेटर इंडिया का सलाम!! 

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