''द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया'' के नाम से मशहूर सरोजिनी नायडू के बारे में 10 अनकही बातें

वह शुरू से ही पढ़ाई में काफी तेज थीं। उन्होंने सिर्फ 12 साल की उम्र में 12वीं की परीक्षा पास कर ली थी।

सरोजिनी नायडू ने 13 साल की उम्र में ‘लेडी ऑफ दी लेक’ कविता लिखी।

वहीं, उनकी पहली कविता संग्रह का नाम "Golden Threshold" था।

उन्हें ‘बर्ड ऑफ टाइम’ और ‘ब्रोकन विंग’ जैसी कविताओं से खासी लोकप्रियता मिली।

उन्हें हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा, बांग्ला और गुजराती में भी महारथ हासिल थी।

वह 1914 में इंग्लैंड में पहली बार गांधीजी से मिलीं और उन्होंने आजादी की लड़ाई में शामिल होने का फैसला किया।

1925 में वह कांग्रेस की अध्यक्षा चुनी गईं।

आजादी के बाद, वह उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल चुनी गईं।

2 मार्च 1949 को लखनऊ में ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

13 फरवरी 1964, को सरकार ने उनकी जयंती के मौके पर, 15 पैसे का एक डाक टिकट भी जारी किया।