गर्व का क्षण! Oscars के लिए शॉर्टलिस्ट होने वाला पहला भारतीय गाना बना RRR का 'Naatu Naatu'
क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म की कहानी 2 लेजेंड्री फ्रीडम फाइटर्स की असल ज़िंदगी पर आधारित है!
यह कहानी है अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम नाम के दो तेलुगू क्रांतिकारियों की।
कोमाराम भीम का किरदार जूनियर NTR निभा रहे हैं। यह कहानी उस समय की है, जब जमीन के साथ, नदियों व जंगलों पर भी अंग्रेजों का राज था।
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कोमाराम भीम
कोमाराम भीम ने अपने समाज के लोगों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने को प्रोत्साहित किया।
उन्होंने हैदराबाद की आज़ादी के लिए आसफ जाही राजवंश के खिलाफ विद्रोह छेड़ा था।
तमाम यातनाओं के बावजूद, भीम ने निजामों के खिलाफ अभियान जारी रखा, लेकिन एक दिन छल से उन्हें मार दिया गया।
अल्लूरी सीताराम राजू का किरदार राम चरण ने निभाया है। सीताराम राजू 18 साल की उम्र में ही साधू बन गए थे।
वह महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित थे, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों को त्याग, सैन्य संगठन की स्थापना की।
उन्हें पता था कि धनुष-बाण से अंग्रेजों से लड़ना संभव नहीं है, इसलिए उन्होंने डाका डाल धन इकट्ठा कर, शस्त्र खरीदे और अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध करने निकल पड़े।
उन्होंने बहुत यातनाएं सहीं, लेकिन कभी घुटने नहीं टेके। 1924 में अंग्रेजी सैनिकों ने उन्हें पेड़ से बांधकर गोलियों से भून दिया था और वह देश के लिए कुर्बान हो गए।