Palm Tree
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हर माता-पिता अपने बच्चे के जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं। वे अपने बच्चे को बेस्ट चीज़ें देना चाहते हैं।

लेकिन आज के समय में, अधिक संसाधनों और दुनियाभर की तरह तरह की सलाहों के बीच, उनके लिए कौन सा रास्ता सही है, यह समझना भी बहुत ज़रूरी है!

IAS अधिकारी दिव्या मित्तल ने दो बेटियों की परवरिश के अपने अनुभवों के आधार पर कुछ पेरेंटिंग टिप्स ट्विटर पर साझा किए।

दिव्या का कहना है कि उन्होंने अपनी माँ से पैरेंटिंग सीखी है, जिन्होंने तीन बच्चों की परवरिश की, जिनमें से सभी "जीवन में अच्छा" कर रहे हैं।

तो चलिए जानें क्या हैं वे पैरेंटिंग टिप्स.....

अपने बच्चों से कहें कि वे कुछ भी कर सकते हैंः

1.

आप अपने बच्चों को बार-बार यह यकीन दिलाते रहें कि वे कुछ भी कर सकते हैं, इससे उनका आत्म-विश्वास बढ़ेगा और वह विश्वास उनके भाग्य को परिभाषित करेगा है।

उन्हें गिरने देंः

2.

अपने बच्चों को गिरने दें, चोट लगने दें और उन्हें गलतियां भी करने दें, तभी वे गिरकर खुद से संभलना सीख पाएंगे, क्योंकि आप उन्हें हर संकट से नहीं बचा सकते।

प्रतियोगिता करने देंः

3.

अपने बच्चों को प्रतिस्पर्धा के लिए प्रोत्साहित करें, भले ही वे हर प्रतियोगिता में न जीतें। सही प्रतिस्पर्धी भावना होना बहुत ज़रूरी है, इससे उन्हें यह समझ आएगा कि असफलताएं भी जीवन का अभिन्न अंग हैं।

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अपने बच्चों को पेड़ पर चढ़ने दें, एडवेंचरस खेलों में भाग लेने दें। यह उन्हें सिखाएगा कि अगर कहीं चोट लगने या नुकसान का डर हो, तो उन्हें क्या करना है।

4.

उन्हें रिस्क लेने देंः

हर अगली पीढ़ी को अपने पहले की पीढ़ी की तुलना में अधिक अवसर और बेहतर संसाधन मिलते हैं।  उन्हें अपने समय की कमियों की याद न दिलाएं और न ही उस समय की सोच को उन पर थोपें।

5.

 कोई विचार उन पर थोपें नाः

रोल मॉडल बनेंः

6.

आप जो कहते हैं, पहले उसे खुद करें। क्योंकि एक बच्चे का दिल सबसे ज़्यादा तब टूटता है, जब वह अपने माता-पिता को किसी तरह का ढोंग करते देखता है।

बुरे व्यवहार से दूर रहेंः

7.

आपको अपने बच्चे को प्रयोग करने और असफल होने देना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप बुरे व्यवहार की अनुमति दें।  जब वे गलत हों, तो आपको उन्हें उसका एहसास कराना और उसे सुधारने की सलाह भी देनी चाहिए।

अपने बच्चों पर भरोसा करेंः

8.

उम्मीद, बच्चों के साथ-साथ, सभी के लिए बेहद ज़रूरी चीज़ है। माता-पिता को अपने बच्चों से कभी निराश नहीं होना चाहिए।

उन्हें अनुभव हासिल करने देंः 

9.

बच्चों को कई तरह के अनुभव हासिल करने के लिए खुला अवसर दें, इससे उनका दिमाग खुलेगा, सोचने-समझने की क्षमता बढ़ेगी। उन्हें खुद के अनुभवों से दुनिया को समझने दें।

उन्हें ध्यान से सुनेंः

10.

सुनना एक बेहद ज़रूरी आदत है, जिसे कम उम्र से ही विकसित किया जाना चाहिए और यह तभी होगा, जब माता-पिता सबसे पहले खुद अपने बच्चों की बात सुनेंगे।

दूसरों से तुलना न करेंः

11.

माता-पिता द्वारा की गई सबसे बड़ी गलतियों में से एक है- तुलना करना। अपने बच्चे की तुलना किसी से न करें, खासकर उनके भाई-बहनों से। 

अपने बच्चों की सबसे सुरक्षित जगह बनें आपः

12.

सभी को एक सुरक्षित जगह चाहिए होती है। माता-पिता को अपने बच्चों के लिए वह जगह बनना चाहिए, जहां उन्हें निस्वार्थ प्यार मिले।