किसी भी राज्य के पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट में बतौर चीफ इंजीनियर काम करने वाली वह पूरे एशिया में पहली महिला थीं।
अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने हर साल लगभग 35 नए पुल और सड़क-निर्माण प्रोजेक्ट कमीशन किए। साथ ही, उन्होंने कोड़िकोड मेडिकल हॉस्पिटल से जुड़े हुए महिला और बच्चों के अस्पताल के निर्माण का कार्यभार भी संभाला।