भारत के 50वें CJI डी. वाई. चंद्रचूड़ की शिक्षा व उनके 5 अहम फ़ैसले
डी.वाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम 'धनंजय यशवंत चंद्रचूड़' है।न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB की पढ़ाई की है।
इसके बाद, उन्होंने प्रतिष्ठित InLaks स्कॉलरशिप की मदद से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की।
वह न्यायमूर्ति वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं।
वाई वी चंद्रचूड़, भारत के 16वें और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश हैं।
ऐसा देश में पहली बार हुआ है कि पिता के बाद पुत्र ने इस पद को संभाला है।
डी.वाई चंद्रचूड़ कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।
महिलाओं के लिए गर्भपात अधिकार
1.
हाल ही में 24 सप्ताह तक गर्भपात कराने के लिए, किसी भी महिला के अधिकारों को बरकरर रखने के फैसले में उनका अहम योगदान था।
राइट टू प्राइवेसी
2.
अगस्त 2017 में, नौ-न्यायाधीशों की पीठ की ओर से निजता के मौलिक अधिकार की बात करते हुए, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने निजता और गरिमा के अधिकार को जीवन के आंतरिक हिस्से के रूप में मान्यता दी।
सबरीमाला फैसला
3.
पांच-न्यायाधीशों की पीठ में शामिल, जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ ने माना कि सबरीमाला मंदिर का 10-50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को दर्शन से वंचित करना संवैधानिक नैतिकता के विपरीत था।
हादिया विवाह मामला
2.
सुप्रीम कोर्ट ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले के विपरीत जाकर फैसला सुनाया था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह निर्णय, देश में महिलाओं की स्वतंत्रता बरकरार रखने के लिए सुनाया था।
धारा 377 पर फैसला
4.
इस ऐतिहासिक फैसले में, पांच-न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें डी वाई चंद्रचूड़ शमिल थें। उन्होंने धारा 377 को मनमाना करार देते हुए, व्यक्तिगत चॉइस को सम्मान देने की बात कही।