कहते हैं फिल्में समाज का आईना होती हैं और कई बार समाज के लिए आईना।
कई बार ये फिल्म्स हमारा ध्यान उन मुद्दों की ओर ले जाती हैं, जिन्हें हम अक्सर देखते हुए भी अनदेखा कर देते हैं और ये सब इसलिए, क्योंकि हम सिनेमा से काफी प्रभावित होते हैं।
कई बार ये मूवीज़ हमें प्रेरित करती हैं, तो कई बार सोचने पर मजबूर।
भारतीय सिनेमा जगत में भी कई ऐसी फिल्में बनीं, जिन्होंने महिलाओं की शक्ति, सक्षमता और समानता के अधिकार को दिखाकर, समाज की सोच बदलने का प्रयास किया।
जानें ऐसी ही 8 फिल्मों के बारे में और अगर अब तक ना देखी हो, तो एक बार देखें ज़रूर।
यह कहानी समाज के मानदंडों के अनुसार एक आदर्श बहू, पत्नी और माँ के ईर्द-गिर्द घूमती है। यह कहानी एक स्त्री की हिम्मत और हर परेशानी को हल करने के उसके दृढ़ विश्वास की है।
1. मदर इंडिया
2. भूमिका
यह उषा नाम की एक लड़की की कहानी है, जो एक विद्रोही युवा लड़की है और जिसमें समाज को ढेरों कमियां दिखती हैं।
3. अर्थ
इस फिल्म में शादी और विवाहेत्तर संबंध के प्रति एक महिला की प्रतिक्रिया को दिखाया गया है, जहां वह एक खराब हो चुके रिश्ते में वापस लौटने या फिर जीवन में आगे बढ़ने की कश्मकश में है।
4. मिर्च मसाला
मिर्च मसाला, एक मजबूत और निडर किसान-महिला, सोनबाई की कहानी है, जो गुजरात के एक ग्रामीण इलाके से आती है।
5. दामिनी
दामिनी एक ऐसी स्त्री की कहानी है, जो अपनी नौकरानी को न्याय दिलाने के लिए अपने परिवार के खिलाफ जाकर इंसाफ की लड़ाई लड़ती है।
6. पार्च्ड
यह फिल्म, देश के दूर-दराज़ इलाकों व गांवों में रहनेवाली महिलाओं के जीवन व संघर्षों की कहानी है।
7. ज़ुबैदा
जुबैदा, अपनी स्वतंत्रता की तलाश कर रही एक युवा लड़की की कहानी है, जो अपने परिवार, समाज और जीवन की बेड़ियों से मुक्त होने की कोशिश कर रही है।
8. लज्जा
लज्जा में दिखाया गया है कि जब महिलाओं पर अत्याचार होता है, उन्हें मारा पीटा जाता है, तब एक औरत का शक्ति रूप ले लेना किस तरह के बदलावों को जन्म देता है।