एक बार गुजरात की नवसारी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की टीम शहर आई थी, उन्होंने Banana Fiber को लेकर जानकारी दी। तब साल 2018 में मेहुल श्रॉफ ने इन तनों से Banana Fiber बनाना शुरू किया।
मेहुल ने मार्केट मॉडल और इसके पीछे की पूरी कहानी समझने के लिए 'तिरुचिरापल्ली के नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर बनाना' से ट्रेनिंग ली, जो पहले से Banana Fruit और स्टेम यानी केले के तने पर काम कर रहे थे।
मेहुल हर महीने 3 से 5 टन यानी 30 क्विंटल से 50 क्विंटल तक फाइबर तैयार कर रहे हैं और सालाना 30 लाख का टर्नओवर कर रहे हैं। वह इन फाइबर्स को उन घरेलू महिलाओं को भी सप्लाई करते हैं, जो हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बनाती हैं।
इससे घरों की सजावट के लिए प्लांटर बास्केट, रस्सी, बैग, झाड़ू, योग मैट, वॉल घड़ी जैसी चीज़ें बनाई जाती हैं।