वहीं क्लीन एंड जर्क में मीराबाई, 113 किलो भार उठाने में सफल रहीं। वह 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रही थीं।
तो चलिए जानें मीराबाई चानू की अब तक की अन्य उपलब्धियों के बारे में...
मीरा ने लोकल वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट में 11 साल की उम्र में पहला गोल्ड अपने नाम कर लिया था।
2014 ग्लासगो में संपन्न हुए कॉमन वेल्थ गेम्स में 48 किग्रा वर्ग में मीराबाई ने सिल्वर मेडल जीता।
2016 में गुवाहाटी में आयोजित हुए 12वें साउथ एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल प्राप्त किया।
2017 में कैलिफोर्निया, अनाहाइम में आयोजित वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चौंपियनशिप में चानू ने 48 किग्रा वर्ग में गोल्ड मैडल हासिल किया।
2018 में चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स के 48 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड हासिल किया। साथ ही उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किग्रा श्रेणी का रिकार्ड भी तोड़ा था।
2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में विश्व रिकार्ड बनाने और गोल्ड मेडल जीतने पर मणिपुर के मुख्यमंत्री ने 20 लाख की राशि देकर सम्मानित किया।
साल 2018 में ही मीराबाई चानू को राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
टोक्यो में आयोजित ओलंपिक 2020 में सिल्वर मेडल जीतकर, मीराबाई चानू ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला वेटलिफ्टर बनीं।
2021 में उज्बेकिस्तान में आयोजित एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और टोक्यो शहर में आयोजित ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीता।