कभी मज़दूरी कर गुज़ारा करने वाले सुनील खाचकड ने बिना कोचिंग, टॉप की पुलिस SI परीक्षा

कोश‍िश और खुद पर भरोसा, ये वो ताकत हैं जिन्हें इंसान अपना ले तो उसे सफलता की बुलंद‍ियों को छूने से कोई रोक नहीं सकता। इन्हीं के दम पर महाराष्‍ट्र में वाशिम के सुदूर इलाके में रहने वाले सुनील खाचकड ने कामयाबी हासिल की है।

गरीब घर से होने के बावजूद सुनील ने मेहनत-मज़दूरी और दोस्‍तों की क‍िताबों से पढ़ाई कर सफलता का नया कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित पुलिस सब-इंस्पेक्टर पद की परीक्षा में पहली रैंक हासिल की है।

सुनील के परिवार की पांच एकड़ सूखी ज़मीन है और वह भी पथरीली है। ऐसे में बड़ी आय तो दूर की बात, खाने के लिए पर्याप्त भोजन उगाना मुश्किल है।

इसलिए सुनील के माता-पिता सड़क पर गिट्टी तोड़ने का काम करते थे। सुनील ने भी कड़ी मेहनत करके यशवंतराव चव्हाण ओपन यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की और छह साल पहले प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए संभाजीनगर पहुंचे। 

महंगी कक्षाएं लेना संभव नहीं था, इसलिए उन्‍होंने अपने दोस्तों के साथ पढ़ाई शुरू की और दूसरों से किताबें उधार लेकर तैयारी किया करते।

2018, 2019 और 2020 में लगातरा तीन बार सफलता को छू कर असफल हो जाने के बावजूद, उन्हें हार नहीं मानी और कोशिश करते रहे।इस साल आखिरकार कामयाबी उनके हाथ आ ही गई। 

माता-पिता, पत्नी के सहयोग और मित्रों के मार्गदर्शन से सुनील आज SI बन चुके हैं और वह भविष्य में पिछड़े समाज से आने वाले लोगों के विकास के लिए काम करने की इच्छा रखते हैं।

SI परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को सुनील खाचकड सीख देते हुए कहते हैं-  “चुनौतियाँ चाहे कितनी भी आएं, हमें रुकना नहीं है और कभी हार नहीं माननी चाहिए। बस अपनी पूरी कोशिश और मेहनत करते रहें। सफल होने के लिए आपको फैंसी कोचिंग या ज़्यादा पैसों की नहीं, बस धैर्य और फोकस रखने की ज़रूरत है।"