एक पूर्व बैंकर ने बनाया फूड फॉरेस्ट, हर साल UK और जर्मनी में बेचते हैं 10 टन उपज।

केरल के तुम्बुर में जन्मे टॉम किरण डेविस ने पारंपरिक खेती के बजाय, गाँव में खाली और बंजर पड़ी ज़मीन पर जैविक खेती शुरू की!

"बहुत से लोग यह समझ ही नहीं पाते, लेकिन किसान परिवार में जन्म लेना अपने आप एक कमाल की बात है"- 38 वर्षीय टॉम किरण

टॉम के बचपन की ज्यादातर यादें खेती से ही जुड़ी हैं और उन्हीं यादों ने टॉम को दुबई की अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर स्वदेश लौटने के लिए प्रेरित किया।

लोगों ने टॉम के इस फैसले को बेवकूफी भरा बताया, लेकिन उन्होंने सबको गलत साबित करते हुए 'पेपेनेरो’ नाम से अपना एक सफल ब्रांड खड़ा किया।

आज पेपेनेरो एक इंटरनेशनल ब्रांड बन चुका है, जो चावल के साथ-साथ  हल्दी, काली मिर्च, जायफल, जावित्री जैसी मसाले निर्यात करता है।

किरण ने दूसरे किसानों की भी बंजर ज़मीन को उपजाऊ बनाने में मदद की और आज यहाँ की लगभग 200 एकड़ ज़मीन पर धान की खेती होती है।

वह आज चावल और कई तरह के मसाले यूके, जर्मनी और कनाडा में भी निर्यात करते हैं।

साथ ही वह अपनी ऑफिशियल वेबसाइट और e-commerce प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए देश में भी ये चीज़ें बेचते हैं।

टॉम सारी चीज़ें बिना किसी केमिकल फर्टिलाइज़र का इस्तेमाल किए, ऑर्गेनिक तरीके से उगाते हैं।

आज टॉम के साथ 50 किसान जुड़कर काम कर रहे हैं और सभी लगभग 50 हज़ार/एकड़ की कमाई कर रहे हैं।

टॉम का मानना है कि बिचौलियों को हटाकर अपनी उपज, अपने ब्रांड के तहत बेचकर कोई भी किसान इतने पैसे आराम से कमा सकता है।

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