लता मंगेशकर उस वक़्त सिर्फ 5 साल की थीं, जब उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर ने, उन्हें गायकी सिखाना शुरू किया था।
13 वर्षीया लता, गायकी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने ही वाली थी कि उनके पिता का निधन हो गया।
लता के कंधों पर घर की सारी ज़िम्मेदारी आ गयी। जब पहली बार लता ने प्लेबैक सिंगर के रूप में अपने कदम रखें, तो उन्हें भारी अवहेलना का सामना करना पड़ा।
उन्होंने हार न मान कर फिल्मों में अभिनय करना शुरू किया। 1942 से 1948 तक, लता मंगेशकर ने कुल 8 फिल्मों में अभिनय किया, लेकिन वहां भी उन्हें सफलता नहीं मिली।
परिस्थितियों से हार न मानने वाली, लता एक बार फिर गायकी के क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाने निकल पड़ी।
लता ने अपना पहला गाना मराठी फिल्म 'किती हसाल' में गाया था। उनको सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म 'महल' से मिला।
आज तक उन्होंने तक़रीबन 15 से भी ज्यादा भारतीय भाषाओं में हज़ारों गाने गाये हैं।
लता दीदी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज़ हमारे दिलों में आज भी ज़िंदा है।