1947 की बनावट, 3 पीढ़ियों की सजावट और एक रोचक इतिहास, केरल का यह होमस्टे है ख़ास
साल 1997 में, केरल के कोट्टायम की पहाड़ियों में बने वेनिला काउंटी होमस्टे में पहली बार जापान से एक मेहमान आया था।
सालों से बेबी मैथ्यू और उनकी पत्नी रानी वल्लिकप्पन अपने इस होमस्टे में मेहमानों का स्वागत करना चाहते थे, जो कि आजादी के दौरान ब्रिटिश और डच वास्तुकला से बना हुआ है।
इस पहले मेहमान के बाद, आज तक उनका घर एक होम स्टे बना हुआ है। जिसकी देखभाल फ़िलहाल मैथ्यू वल्लिकप्पन और सिलु जोसेफ करते हैं।
यह घर उनके दादा, वीजे मैथ्यू वल्लिकप्पन ने बनाया था, जो एक गार्डनर कम -बैंकर थे।
उस दौरान उनके कई ब्रिटिश मित्र भी यहां शाम की चाय पीने आया करते थे।
इसे बनाने की शुरुआत आजादी के पहले ही हो गई थी, इसलिए इसपर ब्रिटिश और डच वास्तुकला का प्रभाव दिखता है।
घर का सारा फर्नीचर टीक और रोज़ वुड से बना है।
बेबी मैथ्यू के बेटे, मैथ्यू वल्लिकप्पन और सिलु जोसेफ ने जब इस होम स्टे का काम संभाला, तब उन्होंने पूरी कोशिश की कि यहां आएं मेहमानों को आधुनिक सुविधाएं भी मिलें और घर का सालों पुराना अस्तित्व भी बना रहे।
यहां आए मेहमानों को जंगल और गांव के बीच एक अद्भुत अनुभव मिलता है।
इतना ही नहीं पारम्परिक भोजन भी वेनिला काउंटी की एक सबसे अच्छी खासियत है।
दोपहर और रात के खाने में पारम्परिक केरल व्यंजन परोसे जाते हैं। वहीं सिलू जोसेफ का बनाया जैम भी लोगों को खूब पंसद आता है, जिसे यहां उगे ऑर्गेनिक फलों से बनाया गया है।
75 साल की विरासत संभाले हुए इस होम स्टे का कुछ फर्नीचर सालों पुराना है, इसके बावजूद इसकी सुंदरता कम नहीं हुई।
हालांकि, यहां आने से पहले मैथ्यू वल्लिकप्पन विदेश में नौकरी कर रहे थे, लेकिन अपने परिवार की इस धरोहर का ध्यान रखने के लिए उन्होंने वापस देश में आकर बसने का फैसला किया।
आप भी केरल जाएं, तो इस 75 साल पुराने होम स्टे में रुककर, ब्रिटिश आर्किटेक्चर का मज़ा जरूर लें।