'परफ्यूम कैपिटल ऑफ़ इंडिया' कहलाने वाला उत्तर प्रदेश का कन्नौज, इत्र की खुशबू के लिए दुनियाभर में मशहूर है।
इस शहर में इत्र का बड़े स्तर पर कारोबार होता है और इसके लिए कई शहरों से यहां फूल और लकड़ियां मंगाई जाती हैं।
इस शहर में इत्र का बड़े स्तर पर कारोबार होता है और इसके लिए कई शहरों से यहां फूल और लकड़ियां मंगाई जाती हैं।
यहां मिट्टी से भी इत्र बनाया जाता है और आज भी इत्र बनाने के लिए 600 साल पुरानी देसी तकनीक इस्तेमाल की जाती है।
कन्नौज में दुनिया के सबसे सस्ते इत्र से लेकर महंगे से महंगा इत्र बनाया जाता है, जिनमें सबसे कीमती है 'अदरऊद'!
इस इत्र को असम की खास लकड़ी से तैयार किया जाता है और एक ग्राम इत्र की कीमत लगभग 5000 रुपये है।
इसी तरह गुलाब का इत्र भी 12 हज़ार से लेकर साढ़े तीन लाख रुपए प्रति किलो के हिसाब से ख़रीदा जा सकता है।
कन्नौज के इत्र की सप्लाई यूके, यूएस, सउदी अरब, ओमान, इराक, इरान समेत कई देशों में की जाती है।
अलीगढ़ में उगाए दमश्क गुलाब का, कन्नौज की फैक्ट्री में बना इत्र पूरी दुनिया में मशहूर है। इसके अलावा गेंदा, गुलाब और मेहँदी का इत्र भी विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
कन्नौज की डिस्टेलेरी में तैयार इत्र को पूरी तरह से प्राकृतिक गुणों से भरपूर और एल्कोहल मुक्त रखा जाता है।
इसलिए एक दवा के रूप में कुछ रोग जैसे Anxiety, नींद न आना और स्ट्रेस में इत्र की खुशबू रामबाण का काम करती है।
कन्नौज में इत्र निर्माण की 350 से ज़्यादा फैक्ट्रियां हैं। यहां से दुनियाभर के 60 से ज़्यादा देशों में इत्र भेजा जाता है।
इस कारोबार के लिए फूलों की खेती से 50 हज़ार से ज़्यादा किसान जुड़े हैं और 60 हज़ार से ज़्यादा लोगों को इत्र कारोबार से रोज़गार मिलता है।
इस कारोबार के लिए फूलों की खेती से 50 हज़ार से ज़्यादा किसान जुड़े हैं और 60 हज़ार से ज़्यादा लोगों को इत्र कारोबार से रोज़गार मिलता है।