60 साल पुराने घर को बनाया कैफ़े और नौकरी छोड़ दोनों बहनें बन गई बिज़नेसविमन

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विंटेज माहौल, पुराना, सुंदर और आलिशान घर, बढ़िया इंटीरियर और स्वादिष्ट खाना, ये सब एक ही जगह मिलते हैं... जयपुर की राठौर सिस्टर्स के अनोखे ओ'बैक कैफ़े में।

जयपुर की बहनें स्वाति और संयोगिता राठौर ने अपने 60 साल पुराने पुश्तैनी घर को 'ओ'बैक जयपुर' नाम के एक अनोखे विंटेज कैफ़े में बदल दिया।

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यह कैफ़े पुरानी यादों और मॉडर्न डिशेज़ का अनोखा मेल है!

10 साल हॉस्पिटैलिटी की फ़ील्ड में नौकरी करने के बाद स्वाति कहती हैं, "मैं काफ़ी सालों से अपनी एक बेकरी खोलना चाहती थी।"

वहीँ, उनकी बहन संयोगिता बचपन से ही खाना बनाने की शौक़ीन रही हैं और अलग-अलग रेसिपीज़ बनाकर एक्सपेरिमेंट करती रहती हैं।

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान स्वाति और संयोगिता ने कॉर्पोरेट लाइफ से हटकर कुछ अलग करने के बारे में सोचा और इस तरह उन्हें अपने कैफ़े का आईडिया आया।

साल 1960 में उनके दादाजी का बनाया हुआ दो मंज़िला घर, जहाँ 1200 स्क्वायर फ़ीट में कोटा स्टोन से बने 10 आलिशान कमरे और स्टोन स्लैब से बनी छत हैं।

इस काम के लिए इससे बेहतर और कौन सी जगह हो सकती थी!

पुराने घर के रेनोवेशन और बेहतरीन डेकोरेशन के साथ राठौर सिस्टर्स ने अपना कैफ़े बनाने का काम शुरू किया।

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इसमें कई महीने लगे, लेकिन स्वाति और संयोगिता इस घर की असल फ़ील को क़ायम रखना चाहती थीं, क्योंकि यहाँ उनके परिवार की यादें बसी थीं

और वे अपने कस्टमर्स को भी कैफ़े में घर जैसा एहसास देना चाहती थीं।

आज उनकी टीम सुबह 8 बजे से काम करना शुरू करती है। कैफ़े सुबह 11 से रात 9 बजे तक चलता है और रोज़ कम से कम 25 ऑर्डर्स आ जाते हैं।

ओ'बेक जयपुर को नए-नए व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका दे रहा है।

"हमारा मेन कॉन्सेप्ट है लोगों को उन डिशेज़ से परिचित करना जो उन्होंने पहले नहीं चखी हैं।" - संयोगिता