International Day of Women and Girls in Science हर साल दुनियाभर में 11 फरवरी को मनाया जाता है। 

विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं की सशक्त भूमिका सुनिश्चित करने के साथ-साथ जेंडर एंपावरमेंट को बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर 2015 को इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी।

तो चलिए जानें भारत की उन प्रेरक महिला रिसर्चर्स के बारे में, जो  साइंस के ज़रिए आईं देश के काम! 

Green Star

डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन

सारस के संरक्षण के लिए किए गए कामों के कारण प्रसिद्ध, डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन 'अरण्यक' नाम से असम में एक गैर सरकारी संगठन चलाती हैं और एक जीव विज्ञानी भी हैं। 

Green Star

जब वह 5 साल की थीं तबसे ही उन्हें पक्षियों से काफी लगाव हो गया था। 

Green Star

पुर्णिमा को उनके कामों के लिए संयुक्त राष्ट्र के 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार' और भारत के 'नारी शक्ति पुरस्कार' सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है।

Green Star

मधुश्री मुदके

मधुश्री मुदके ATREE में एक शोधकर्ता हैं, जो 'EDGE ऑफ एक्जिस्टेंस' नाम के एक कार्यक्रम के तहत, उन प्रजातियों के संरक्षण का ध्यान रखती हैं, जो लुप्त हो रहे हैं।

Green Star

इशिका रामाकृष्णन

इशिका रामाकृष्णन 'सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज़' की एक शोधकर्ता हैं, जो मनुष्यों और गैर-मानव प्राइमेट्स के बीच के संबंधों का अध्ययन करती हैं। 

वह असम में गिब्बन, लंगूर और मकाक पर केंद्रित स्टडी कर रही हैं। वह अध्ययन कर रही हैं कि भू-उपयोग में परिवर्तन कैसे प्राइमेट्स को प्रभावित कर रहा है।

Green Star

मुंबई में पली-बढ़ी इशिका को प्रकृति से जुड़ने का ज्यादा मौका नहीं मिला, लेकिन उन्हें वन्य जीवन के बारे में पढ़ने और प्रकृति पर फिल्म देखने का शौक था।

Green Star

घर में अपने पालतू जानवरों के व्यवहार को देखने के बाद उन्हें जानवरों के व्यवहार का अध्ययन करने में दिलचस्पी आई।

Green Star