हम आपको मिलवाने जा रहे हैं ऐसे भारतीयों से जिन्होंने वायु प्रदूषण की प्रॉब्लम का खोज निकाला है Solid Solution.

1. सुहास बक्सी और आश्विन सावे सुहास बक्सी और अश्विन सावे अपनेनवाचार ‘बायोफ्यूल सर्कल’ के जरिए किसानों से कृषि अवशेष खरीदकर उसे बायोफ्यूल में बदलते हैं।

2. अर्पित धूपर दिल्ली के अर्पित धूपर ‘धरक्षा इकोसॉल्यूशन’ नाम के अपने स्टार्ट अप से किसानों से पराली लेकर बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग मटेरियल बनाते हैं।

3.विक्रम यादव IAS अफसर विक्रम यादव ने हरियाणा में अपनी पोस्टिंग के दौरान गेहूं या धान की पराली के उपयोग के कई विकल्प तैयार किए जिससे  पराली जलाने की समस्या 80% तक कम हो गई।

4.देबश्री पाधी भुवनेश्वर की देबश्री पाढ़ी ने खाना पकाने के लिए ‘अग्निस’ नाम का स्टोव तैयार किया है, जिससे कोई प्रदूषक तत्व नहीं निकलते और खाना पकाने में सामान्य से आधा समय लगता है।

5.वरिंदर सिंह, नितिन कुमार सलुजा और विलास छिकारा चंडीगढ़ के वरिंदर सिंह, नितिन कुमार सलूजा और विलास छिकारा ने किसानों की मदद के लिए एक ऐसी मशीन बनाई जो पराली को पाउडर बनाती है।

6. अंकुर कुमार, कनिका और प्रचीर IIT दिल्ली के ये तीनों छात्र धान के  पुआल से कप और प्लेट और जार  बनाकर  किसानों के लिए   विकल्प तैयार कर रहे हैं।

7. सुखमीत सिंह A2P एनर्जी सॉल्यूशन के सीईओ  सुखमीत सिंह कृषि अवशेषों को ग्रीन एनर्जी में बदलकर वायु प्रदूषण  रोक रहे हैं।