पिता चलाते हैं चाय की दुकान, आर्थिक तंगी से लड़ते गाँव में रहकर ही की तैयारी और IAS बने विकास गुप्ता
लेकिन कुछ कर गुजरने कीज़िद नहीं छोड़ी और चौथे प्रयास में पास कर ली UPSC की परीक्षा।
UPSC के Mains Exam में तीन बार हुए फेल, कई बार ख़ुदकुशी करने की सोची!
हम बात कर रहे हैं कटनी, मध्यप्रदेशके विकास गुप्ता की।
विकास के पिता कटनी मेंएक छोटी सी चाय की दुकानचलाते हैं। विकास ने भी गांव में रहकर ही हिंदी मीडियम से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है।
पढ़ाई में हमेशा से अच्छे रहे विकास को इंजीनियरिंग के लिए स्कॉलरशिप मिली। और इंजीनियरिंग के दौरान ही उन्होंने UPSC करने का सपना देखा।
घर के हालात और आर्थिक तंगी देखकर हौसला कई बार टूटा, लेकिन हार मानने की बजायउन्होंने घर से ही ऑनलाइनपढ़ाई और सेल्फ स्टडी शुरु की।
विकास के सपने को पंख तब लगे जब अपने भाई की मदद से उन्हें दिल्ली में UPSC की कोचिंग करने का मौका मिला। 2019 में उन्होंने पहला प्रयास किया और Prelims क्लियर कर लिया, लेकिन तीन बार वह Mains में चूक गए।
अपनी माँ के कहने परउन्होंने चौथी बार प्रयास करने की ठानी और इस बार पूरी जान लगा दी। आखिरकार, इस लंबे संघर्ष के बाद, साल 2022 में UPSC CSE की परीक्षा में 468वीं रैंक हासिल की।
विकास ने साबित कर दिखाया कि अगर लड़ने का हौसला हो तो कोई मुश्किल और असफलता आपको लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती।