तटीय राज्य ओडिशा को लगभग हर साल चक्रवातों का सामना करना पड़ता है। पिछले दो दशकों में राज्य ने फ़ैलिन (2013), हुदहुद (2014); तितली (2018)फनी (2019) और आसनी (2022) जैसे कई विनाशकारी चक्रवातों का सामना किया है।
पिछले 10 सालों से विशेष राहत आयुक्त की भूमिका में प्रदीप कुमार जेना, ओडिशा में आपदा प्रबंधन का काम संभाल रहे हैं।
हाल में IAS प्रदीप कुमार जेना ओडिशा के मुख्य सचिव के तौर पर तैनात हैं।
अपने इन सालों के अनुभवों को ध्यान में रखकर प्रदीप मानते हैं कि ओडिशा के पास आज आपदा प्रबंधन में दूसरे राज्यों से थोड़ी बेहतर समझ है।
इसके साथ ही उन्होंने पांच आसान उपाय बताएं हैं, जिन्हें अपनाकर हर राज्य आपदा का प्रबंधन को बेहतर बना सकता है।
1
2
3
लॉन्ग टर्म प्लानिंग करना
4
उन्होंने बताया की ओडिशा में फ़ैलिन तूफान में बिजली आपूर्ति को तबाह कर दिया। तब उन्होंने छह हफ्ते में छह लाख पोल लगाकर बिजली आपूर्ति शुरू की थी। यह सबकुछ लॉन्ग प्लानिंग के ज़रिए ही मुमकिन है।
आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे
5
राज्य और केंद्र सरकार को ऐसी इमारते बनाने पर जोर देना चाहिए, जिन्हें आपदा के समय कम नुकसान का खतरा हो।