यह सुनकर अक्सर लोगों को हैरानी होती है कि भला घर में, गमलों में मटर कैसे उगाये जा सकते हैं? लेकिन, यह बिल्कुल संभव है

घर की छत या बालकनी में मटर उगाने का आसान तरीका बता रहे हैं शिरीष शर्मा, जो 15 साल से कर रहे हैं बागवानी।

वह बताते हैं, “मटर को गमलों में या किसी अन्य बड़े और चौड़े कंटेनर में भी उगाना बिल्कुल आसान है। अगर आपको बागवानी की गहरी जानकारी नहीं है, तब भी आप मटर उगाने की कोशिश कर सकते हैं।

मटर उगाने के लिए, आप बाजार से खरीदी हुई मटर के दाने भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, बाजार में मिलने वाली सूखी मटर का भी आप बीज के रूप में उपयोग कर सकते हैं। अगर आपके घर के पास, कोई नर्सरी है, या बीजों की दूकान है तो आप वहां से भी बीज ले सकते हैं।

अगर आप ताजा मटर के दाने ले रहे हैं, तो इन्हें तीन-चार दिनों के लिए, किसी गीले सूती कपड़े में बांधकर एक डिब्बे में रख दें। तीन-चार दिन बाद, जब ये दाने अंकुरित हो जाएं तो आप इन्हें बो सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप सूखी मटर या बीज ले रहे हैं, तो पहले इन्हें 24 घंटे तक पानी में भिगोने के बाद गमलों में बोएं।

इसके लिए आप 50% सामान्य बगीचे की मिट्टी, 30% केंचुआ खाद या गोबर की खाद और 20% कोकोपीट या रेत साथ में मिलाएं। अब, इसमें आप दो मुट्ठी नीमखली मिला लें। मटर के लिए ऐसी मिट्टी बनानी चाहिए, जिसमें पानी बिल्कुल भी न ठहरे।

मटर उगाने का तरीका- 

*  सबसे पहले गमलों में मिट्टी भर लें और उनमें एक से डेढ़ इंच का छेद करके मटर के बीज लगाएं। * अगर आप छोटे गमले ले रहे हैं, तो एक गमले में एक ही बीज लगाएं।  * लेकिन, अगर आपका कंटेनर बड़ा है, तो दो बीजों के बीच में कम से कम छह इंच का फांसला रखें। * बीज लगाने के बाद, गमलों में पानी का छिड़काव करें।

* बीज लगाने के बाद, लगभग दो हफ्ते तक आपको गमलों को ऐसी जगह रखना है, जहां सीधी धूप न आती हो। * दो हफ्ते बाद जब पौधे बढ़ने लगें तब आप इन गमलों को धूप में रख सकते हैं।  * नियमित तौर पर जरूरत के हिसाब से पौधों में पानी देते रहें।

मटर के पौधे बेल की तरह ऊपर बढ़ते हैं इसलिए, इन्हें सहारे की जरूरत होती है। आप गमले या कंटेनर के चारों ओर दो-तीन लकड़ी लगा दें और इनमें ऊपर की तरफ धागा बाँध दें।  इससे पौधों को बढ़ने के लिए अच्छा सहारा मिलेगा। लगभग 35-40 दिन में मटर के पौधों पर फूल आना शुरू हो जाते हैं।

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