केरल के शानूब कहते हैं कि किचन, डाइनिंग हॉल या किसी अन्य बंद कमरे के अंदर आप दो या तीन मशरूम बेड रख सकते हैं, जिससे आप हफ्ते में दो बार फसल दे सकते हैं।
वह कहते हैं बीज बदलने और 20 दिनों तक उनकी देखभाल करने में बहुत कम मेहनत लगती है।
चलिए जानें मशरुम बेड लगाने का आसान तरीका-
इसके लिए सबसे पहले आपको सूखा धान का भूसा चाहिए होगा। जिसे आसपास के किसानों या एग्रीकल्चर शॉप से खरीदा जा सकता है।
सूखे भूसे को एक बड़े कंटेनर में पानी भरकर 18 घंटे तक भिगो दें।
उन्हें सूरज की रोशनी में एक चादर पर फैलाकर आधा सुखा लें, इनकी पूरी नमी खत्म न हो जाएं इसका ध्यान दें।
पराली या भूसे को 45 मिनिट तक भाफ में रखें। इसके लिए एक बर्तन में पानी भरे और दूसरे बर्तन में पराली भरकर ऊपर रख दें।
भूसी भरने के लिए औसत माप 30 सेमी चौड़ाई, 60 सेमी ऊंचाई और 30 गेज चौड़ाई वाला एक साफ और पारदर्शी पॉलिथीन कवर लें।
भूसे को गोलाकार तरीके से प्लास्टिक में भर दें।भूसे की परत के ऊपर मशरूम के बीज का एक सजा दें।
आप किसी नर्सरी या जानकार किसान से इसके बीज ले सकते हैं।इसी तरह से भूसी और बीज की चार में से तीन परतें बनाएं और अंत में इस प्लास्टिक को रबर से बांध दें।
इसमें हवा जाने के लिए पूरे कवर में छोटे-छोटे छेद करें।
इस तरह तैयार बेड को घर में कहीं भी रखा जा सकता है, जहाँ अंधेरा हो, ठंडा हो और हवा का संचार हो।
कमरे के तापमान के आधार पर हर दूसरे दिन स्प्रिंकलर का उपयोग करके इसको पानी दें।इसके लिए तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम बनाए रखना सबसे अच्छा है।
हर हफ्ते एक बैग से लगभग 600 ग्राम से 1 किलोग्राम मशरूम की कटाई की जा सकती है।
इस प्रक्रिया में आने वाला मुख्य खर्च पराली, प्लास्टिक और बीज की खरीद है। जो 70 रुपये से कम होगा।
स्वच्छता मशरूम की खेती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। समय-समय पर मक्खियों, मच्छरों या किसी अन्य कीड़ों से सावधान रहें।
चार लोगों के परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दो बैग पर्याप्त है।