इसके पौधे आकर में बड़े होते हैं, इसलिए ज्यादातर होम गार्डनिंग करने वाले लोग इसे लगाने से परहेज करते हैं।

वहीं कुछ का कहना है कि इसका पेड़ तो उग जाता है, लेकिन इसमें फल नहीं आ पाते।

पटना में गार्डनिंग करनेवाली प्रभा कुमारी कहती हैं कि फल लाने के लिए सही और पोषक खाद देना बेहद जरूरी है।

प्रभा कहती हैं कि केले का पौधा उगाने के लिए आपको इसके छोटे पौधे की जरूरत होगी। इसे बीज या कटिंग से नहीं लगा सकते।

पौधा खरीदते समय आप नर्सरी वाले से पौधे की किस्म के बारे में जरूर पूछ लें। साथ ही पौधा चुनते समय ध्यान दें कि पौधा स्वस्थ हो और इसकी पत्तियां पीली न हों।

नर्सरी से लाए गए पौधे को आप पहले एक छोटे ग्रो बेग में उगाएं,  तक़रीबन 10 दिन बाद, जब पौधा सेट हो जाए, तब इसे बड़े ग्रो बेग, गमले या ड्रम में लगाएं।

इसके लिए आप तक़रीबन 38 इंच का ग्रो बेग ले लें। आप किसी पुराने ड्रम का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

केले के पौधे के लिए उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होगी। इसके पॉटिंग मिक्स के लिए भुरभुरी मिट्टी का उपयोग करना चाहिए।

बाहर से पेड़ लाकर, इसे छोटे ग्रो बेग के बीचों-बीच लगाएं और धूप से बचा कर रखें।

आमतौर पर केले का पेड़ लगाने के बाद, इसके आस-पास कई छोटे-छोटे पेड़ उग जाते हैं। जिसे हटाना बेहद जरुरी होता है। आप उन छोटे-छोटे पौधों को  निकालकर दूसरे गमले में लगाएं।

कीट और रोगों से बचाव के लिए, आप इसमें नीम के तेल का छिड़काव करें। हफ्ते में एक दिन ऐसा करते रहें,  जिससे रोग लगने की सम्भावना कम हो जाएगी।

हाइब्रिड किस्म के केले के पेड़ में फल आने में लगभग आठ से 10 महीने लगते हैं।  अगर सही से देखभाल की जाए, तो आप साल भर के अंदर अपने गमले में उगे केलों का स्वाद चख पाएंगे।