आंवले को आप अचार, जूस, पाउडर और कैंडी आदि के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

आंवले का पेड़ काफी बढ़ता है। इससे लोगों को यह लगता है कि, इसे किसी बड़ी और खुली जगह में ही लगाया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है।

आंवले को पनपने के लिए खुली जगह चाहिए, लेकिन वह खुली जगह आपके घर की बालकनी या छत भी हो सकती है। आप अपने घर की छत पर गमले में आंवले का पेड़ लगा सकते हैं।

आंवले का पौधा अगर बीज से लगाया जाए तो  इसे पनपने तथा बड़ा होने में काफी वक़्त लगता है। इसलिए, इसे कटिंग से लगाना ही एक बेहतर तरीका है।

लेकिन कटिंग भी आपको ग्राफ्टिंग वाली करनी चाहिए।

इसके अलावा, आप नर्सरी से भी ग्राफ्टिंग से तैयार आंवले का पौधा लाकर लगा सकते हैं।

आंवले के पौधे के लिए खेत की मिट्टी या काली मिट्टी सबसे ज़्यादा उपयुक्त होती है। इस मिट्टी में रेत/बालू की मात्रा बहुत कम होनी चाहिए।  आंवले के पौधे के लिए, अच्छा पॉटिंग मिक्स तैयार करने के लिए आप, 50% खेत की मिट्टी, 20% गोबर की खाद, 20% वर्मीकंपोस्ट या घर की बनाई खाद, और 10% अन्य पोषक तत्व जैसे एनपीके (NPK) या नीमखली आदि मिला सकते हैं।

आंवले के पौधे को लगाने के लिए, मिट्टी का गमला सबसे अच्छा विकल्प है। आप बड़ा और गहरा गमला लें, ताकि जब पौधा बढ़ने लगे, तो इसकी जड़ों को फैलने के लिए अच्छी जगह मिले।

आंवले के पौधे को आप जितना खाद, और पोषण देंगे, उतना ही अच्छे से यह बढ़ेगा।  खाद देने का एक अच्छा तरीका यह है कि, आप गोबर को पानी में मिलाएं। इस घोल को 2-3 दिन तक रखा रहने दें, और बीच-बीच में किसी चीज़ से हिलाते रहें। पौधे में पानी देते समय आप इस घोल को पानी में मिलाकर पौधे में दे सकते हैं। यह बहुत ही अच्छे खाद का काम करता है।

इसमें फल आने में लगभग 5 साल का समय लग जाता है। लेकिन इसके औषधीय गुणों को देखते हुए, इतना इंतज़ार करने में कोई हर्ज भी नहीं है।  एक और ख़ास बात यह है कि, जब भी आंवला लगाएं तो जोड़ी में लगाएं। इससे पौधों पर फल आने की सम्भावना बढ़ जाती है।