घर को बना दिया ग्रीन बिल्डिंग, बिना मिट्टी उगा रहे लौकी, करेला, स्ट्रॉबेरी जैसी फसलें

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बरेली में रहने वाले रामवीर सिंह के एक दोस्त के चाचाजी को कैंसर हो गया था। उनकी जांच में पता चला कि उन्हें फल-सब्जियों में इस्तेमाल हो रहे रसायनों के कारण कैंसर हुआ है। तबसे उन्होंने ठान लिया कि अपने परिवार के लिए वह खुद जैविक तरीकों से सब्जियां उगाएंगे। । 

रामवीर सिंह पिछले कई सालों से मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही गांव में अपनी खेती-बाड़ी भी कर रहे हैं। 2020 में लॉकडाउन के दौरान, उन्होंने अपने घर में हाइड्रोपोनिक तरीके से बागवानी की शुरुआत की।

रामवीर एक बार अपने कुछ दोस्तों के साथ वह दुबई गए थे। वहां उन्होंने हाइड्रोपोनिक सिस्टम देखा और जाना कि इस सिस्टम में बिना मिट्टी के एकदम शुद्ध सब्जियां उगाई जा सकती हैं। बस फिर क्या था उन्होंने अपने तीन मंजिला घर को हाइड्रोपोनिक फार्म में बदलने का फैसला कर लिया।

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अपने इस सिस्टम में वह टमाटर, मिर्च, पालक, मेथी, पुदीना, लौकी, तोरई, खीरा, चौलाई, शिमला मिर्च, करेला, गोभी  सहित कई मौसमी सब्जियां लगा रहे हैं।

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रामवीर ने अपने घर के तीन फ्लोर पर हाइड्रोपोनिक सिस्टम के कुल एरिया की बात की जाए तो यह लगभग 750 वर्गमीटर है और उनके बनाये सिस्टम में 10 हजार पौधे लगे हुए हैं। इस सिस्टम में, पीवीसी पाइप में निर्धारित दूरी पर छेद कर जालीदार गमले (नेटकप) लगाने की जगह बनाई जाती है।

फ़िलहाल, वह Vimpa Organic and Hydrophonic के नाम से अपना बिज़नेस चला रहे हैं और  दूसरों को हाइड्रोपोनिक तकनीक से बागवानी करना सिखा रहे हैं ।