यह मुस्कान है उस पिता की जिसने उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में फंसे अपने बेटे को 17 दिनों बाद गले से लगाया।
इस मुस्कान के पीछे की वजह,वे जांबाज कर्मचारी और अधिकारी हैं जिन्होंने नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालते हुए इस मिशन को सफलता से पूरा किया।
आइये मिलते हैं इस मिशन के रियल लाइफ हीरोज़ से...
IAS नीरज खैरवाल
उत्तराखंड सरकार में सचिव,
खैरवाल ने 10 दिनों तक
रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाली।
क्रिस कूपर - माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट
सालों से इस विषय में विशेषज्ञ रहे, क्रिस कूपर
18 नवंबर से इस रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े और
मजदूरों को सुरक्षित निकालकर ही दम लिया।
लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन
भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल और NDRF टीम के सदस्य सैयद अता हसनैन ने पूरे मिशन के दौरान सुरक्षा और सावधानियां लागू करने में कहीं भी चूक नहीं होने दी।
अर्नोल्ड डिक्स - इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट
ऑस्ट्रेलिया से आए डिक्स, ‘International Tunneling And Underground Space Association’ के अध्यक्ष हैं।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन की रणनीति तैयार करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
Rat Miners Team
देश के बेस्ट
Rat Miners की टीम ने बिना
मशीन का इस्तेमाल किए
हाथों से मलबे की खुदाई करके
इस बड़े मिशन को सफल बनाया।
NDRF, SDRF और Indian Army
जिंदगी और मौत से लड़ रहे
41 मजदूरों की मुस्कान लौटाने के लिए
Local Workers के योगदान को कैसे भूला जा सकता है!
इन सभी ने अपनी जान की बाजी लगाकर जिस तरह 41 जानें बचाई हैं, उसे
दुनिया सदियों तक याद रखेगी!