8000 पेड़-पौधों के बीच किसान जैसा जीवन जी रहे हैं यह रिटायर्ड इंजीनियर
नवसारी (गुजरात) के डूंगरी गांव में बना, रिटायर्ड इंजीनियर सुरेशचंद्र पटेल का घर किसी फार्महाउस से कम नहीं है।–
उनका पूरा परिवार मिलकर 8000 से ज़्यादा पौधों की देखभाल करता है।
साल 2011 में नौकरी से रिटायर होने के बाद, उन्होंने अपने पुश्तैनी गांव में पड़ी ज़मीन पर घर बनाने का फ़ैसला किया।
किसान का बेटा होने के कारण, सुरेशचंद्र को हमेशा से खेती में रुचि थी। लेकिन पढ़ाई और नौकरी की वजह से उनका शौक पीछे छूट गया था।
अब पिछले 10 सालों से वह गांव में एक किसान की तरह ही जी रहे हैं।
उनकी पत्नी हर्षा पटेल और बेटी डॉ. बिनीता पटेल भी गांव में रहकर, फल-सब्जियों की गार्डनिंग में उनकी मदद करती हैं।
ज़मीन के बीचों-बीच लगभग आधे बीघा एरिया में उनका घर बना है और तक़रीबन इतना ही बड़ा गार्डन है।
उनके घर में चीकू, अमरूद, अनार, आंवला, चार किस्म के केले, सीताफल, स्टारफ्रूट सहित कई फलों के पेड़ लगे हैं। वहीं, घर के सामने उन्होंने सजावटी पौधे लगाए हैं।
उन्हें अडेनियम का बेहद शौक है, उनके पास अडेनियम पौधे की ही 500 किस्में हैं।
इस परिवार का प्रकृति से लगाव देखकर, उनके आस-पास भी कई लोगों ने अपने घरों में सुंदर गार्डन बनाना शुरू कर दिया है।
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