1. योगिता भयाना
सामाजिक न्याय व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए योगिता ने अपना एयरलाइन कंपनी का ग्लैमरस करियर छोड़ दिया। दिल्ली के निर्भया के मामले के बाद, उन्होंने 'PARI' नाम की संस्था की शुरुआत की, जो बलात्कार पीड़ितों के पुनर्वास और उन्हें आवश्यक न्याय दिलाने के लिए काम करता है।
2. मोहिनी
साल 2005 में एसिड अटैक जैसे क्राइम का सामना करने के बाद, मोहिनी ने अपने गुस्से को समाज की भलाई के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया और आज वह दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (DSLSA) में काम करके दूसरे पीड़ितों को इंसाफ दिला रही हैं।
3. मोहम्मद सैफ खान
उत्तर प्रदेश के मोहम्मद सैफ खान 'जोश अकादमी समिति' के ज़रिए गांव की लड़कियों और लड़कों को मुफ्त में आत्मरक्षा प्रशिक्षण और मुक्केबाजी सीखा रहे हैं।
4. डॉ. कृति भारती
डॉ. कीर्ति अपनी NGO सारथी ट्रस्ट के ज़रिए बाल विवाह और घरेलु हिंसा पर काम कर रही हैं। अब तक उन्होंने 1400 से ज्यादा बाल विवाह रूकवाकर कई बच्चियों का बचपन लौटाया है।
5. अमर लाल
कभी खुद बाल मज़दूर रहें अमर लाल, आज 'बचपन बचाओं आंदोलन' का हिस्सा हैं और वकील बनकर बाल तस्करी और मज़दूरी के शिकार बच्चों के लिए क़ानूनी लड़ाई लड़ते हैं।