तमिलनाडु का ईको-फ्रेंडली घर!

पेशे से आर्किटेक्ट राजीव ने होसुर से ही पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने काफी समय तक बेंगलुरु में भी काम किया। वह हमेशा से पर्यावरण के अनुकूल अपना एक घर बनाना चाहते थे।

हमेशा से शहर में रहनेवाले राजीव कुमारवेल के जीवन में बड़ा बदलाव तब आया, जब उन्होंने अपनी बेटी के जन्म के बाद शहर की भागदौड़ को छोड़कर गाँव में बसने का फैसला किया।

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इसके लिए उन्होंने तमिलनाडु के होसुर के पास देनकानिकोट्टई नाम की एक छोटी सी जगह में अपने दोस्त विनोद के साथ मिलकर घर बनाना शुरू किया, जहां वह आज अपने परिवार के साथ सुकून से रह रहे हैं।

शहर छोड़कर गाँव आने का एक कारण उनका कुत्तों के प्रति प्रेम भी था। वह कई सालों से सड़क पर घूमने वाले जख्मी कुत्तों को अपने घर पर लाकर देखभाल करते हैं।

राजीव के इस घर में सिर्फ़ ईको-फ्रेंडली चीज़ें ही नहीं हैं, बल्कि हवा और सूरज की दिशा को ध्यान में रखकर उन्होंने इस घर को डिज़ाइन किया, जिससे फ्रेश, नेचुरल हवा और रोशनी घर में आती रहती है।

वह कहते हैं कि घर के कमरे बिल्कुल भी गर्म नहीं होते, क्योंकि इसे बनाने के लिए हमने सूरज की दिशा का विशेष ध्यान दिया है।

इस घर की दीवारों को मिट्टी की ईटों से बनाया गया है और सीमेंट का उपयोग 50% तक कम किया गया है। यहां किसी तरह का कोई प्लास्टर या पेंट का इस्तेमाल भी नहीं किया गया है, जिससे मिट्टी की ठंडक अंदर मिलती है।

यहाँ गर्मी के भी मौसम में पंखे की भी ज़रूरत बहुत कम पड़ती है। इस घर को क्रिस-क्रॉस वेंटिलेशन पैटर्न पर बनाया है।

यही नहीं, राजीव ने घर में बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए 10 हज़ार लीटर और 21 लीटर की क्षमता वाली दो टंकियां भी बनवाई हैं, जिससे उन्हें साल भर पीने और इस्तेमाल करने के लिए पानी मिलता रहता है।

घर के आस-पास की जगह में उन्होंने किचन गार्डन बनाया है और सब्जियों और फलों के कई पौधे भी लगाए हैं, जिससे परिवार को घर की उगी ऑर्गेनिक सब्जियां खाने को मिलती हैं।