रीसाइकल्ड ईंट, पत्थर व मिट्टी से बना ईको फ्रेंडली घर, जहाँ हर कोने में है प्रकृति की झलक
तिरुवनंतपुरम के बाहरी इलाके में स्थित एक दो मंजिला घर कई पेड़ों और चट्टानी इलाकों के बीच बना है। यह खूबसूरत व पर्यावरण के अनुकूल घर है लोकप्रिय मलयालम लेखिका एचमुकुट्टी और उनके आर्किटेक्ट पति, आर डी पद्मकुमार का।
साल 2009 में एकमुकुट्टी और उनके पति ने 20 सेंट ज़मीन खरीदी और अपना सस्टेनेबल घर बनाने के सपने को सच में बदलने की शुरुआत की। बहुत सोच-विचार कर उन्होंने एक इको-फ्रेंड्ली घर, ‘गीत’ का निर्माण किया।
1400 वर्ग फुट के इस घर में कई तरह की विशेषताएं हैं। इसे बनाते समय तीन प्रमुख सस्टेनेबल सिद्धांतों का पालन किया है-सस्टेनेबल डिज़ाइन और निर्माण की प्लानिंग , रीसाइकल्ड और सेकंड हैंड मटेरियल का इस्तेमाल , ज़ीरो सीमेंट का उपयोग
एकमुकुट्टी और पद्मकुमार के इस घर में दो बेडरूम और दो बाथरूम हैं। साथ ही एक कॉमन स्पेस है, जहां लिविंग रूम, डाइनिंग रूम, लाइब्रेरी और किचन बनाया गया है। इस घर को बनाने में उन्हें करीब 4.5 साल का समय लगा।
‘गीत’ का निर्माण ईंटों और लकड़ी से गोल आकार में किया गया है। नींव में रिसायकल पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, वहीं पारंपरिक वॉशबेसिन के बजाय स्टील उरुली का उपयोग किया गया है।
रसोई सिंक रिसायकल लकड़ी से बना है, फर्श मिट्टी और लकड़ी का उपयोग करके बनाया गया है और छत का फ्रेम लकड़ी व बांस की प्लाई, पुराने फ्लेक्स और बेकार टायर-ट्यूब से बना है।
इस इको-फ्रेंड्ली घर का एक और मुख्य आकर्षण यह है कि इस प्लॉट पर तीन प्राकृतिक चट्टानों के साथ बिलकुल छेड़छाड़ नहीं की गई है।
एक चट्टान बेडरूम में है जिससे उन्होंने एक खाट बनाई है, दूसरा बाथरूम में है जो कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और तीसरा लिविंग रूम में है जो कुर्सी, शेल्फ और खेलने की जगह में बदल दिया गया है।
‘गीत’ में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम और एक तालाब भी है, जहाँ बारिश का पानी इकट्ठा होता है। इस पर्यावरण के अनुकूल घर को बनाने में करीब 20 लाख रुपये का खर्च आया है।