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सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय की पहल से देशभर में बन रहा है गोबर से पेंट, जिससे किसानों को मिला आय का नया ज़रिया, तो आम लोगों को मिला पेंट का ईको-फ्रेंडली विकल्प।

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बरगढ़, ओडिशा में प्राकृतिक पेंट बनाने वाली दुर्गा प्रियदर्शनी से जानिए क्या हैं इसके फायदे।

आज गोबर का उपयोग इतना बढ़ गया है कि लोग सिर्फ गोबर के लिए ही गाय पालने लगे हैं। गोबर से बने कागज़ और लकड़ियों के बाद, अब देशभर में गोबर से बना ईको-फ्रेंडली पेंट भी काफी बिक रहा है।

ओडिशा में गोबर पेंट का सबसे पहला यूनिट डालने वाली 33 वर्षीया दुर्गा ने जयपुर से गोबर पेंट बनाने की ट्रेनिंग लेने के बाद, बिज़नेस की शुरुआत की है।  

दुर्गा आस-पास के किसानों से पांच रुपये प्रति किलो की कीमत पर गोबर लेती हैं और बाद में गोबर से लिक्विड और ड्राई तत्वों को अलग किया जाता है।

पेंट बनाने के लिए सबसे पहले गोबर में पानी को बराबर मात्रा में डाला जाता है, जिसके बाद इसे ट्रिपल डिस्क रिफाइनरी में डालकर गाढ़ा किया जाता है।  फिर इसमें कैल्शियम कंपोनेंट डालकर पेंट का बेस तैयार किया जाता है।

उन्होंने बताया कि इस पेंट के कुल आठ लाभ हैं, जिसमें एन्टीबैक्टीरयल, एंटी फंगल, दुर्गंध मुक्त, नॉन-टॉक्सिक, फ्री फ्रॉम हैवी मेटल, नेचुरल थर्मल इंस्युलेशन जैसे कई फायदें शामिल हैं।

प्राकृतिक पेंट, सामान्य केमिकल वाले पेंट जैसा ही लुक देता है। उन्होंने दावा किया है कि यह घर के तापमान को संतुलित करने का काम भी करता है।

दुर्गा

"पहले हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, इसलिए हम घर में केमिकल वाले पेंट लगाते थे। लेकिन आज गोबर से बने पेंट, एक बढ़िया विकल्प के तौर पर बाज़ार में मौजूद हैं, फिर इसका इस्तेमाल करना ही चाहिए।”

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