एक दिहाड़ी मजदूर, जिन्होंने 2 सालों में बंजर ज़मीन पर उगाए 3000 पेड़ और बना दिया जंगल
42 साल की सरोजिनी, वैसे तो एक दिहाड़ी मजदूर हैं और रोज़ के 315 रुपये पर काम करती हैं। लेकिन राज्य के वन विभाग ने उन्हें जंगल की देखभाल के लिए रखा था।
ओडिशा का बोनाई इलाका खनन प्रभावित क्षेत्र है, जिससे वहां जंगल पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। अब पेड़-पौधों की अहमियत को समझते हुए बोनाई वन विभाग ने यहां फिर से वृक्षारोपण मुहिम की शुरुआत की।
सरोजिनी को यहां बंजर जमीन पर पेड़ों की रक्षा करने के लिए रखा गया।
यहां सरोजिनी अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद, पूरे इलाके में पौधे लगाने लगीं। वह पौधों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए उसका घेराव भी करती थीं।
वह दिन-रात अकेले ही इलाके में पौधे लगाने का काम करती रहीं और कड़ी मेहनत कर केवल 2 साल में बंजर पड़ी ज़मीन को हरा-भरा बन गया।
इसमें 3000 से अधिक फल देने वाले और बाकी जंगली पेड़ हैं। बोनाई वन विभाग के अफसर भी सरोजनी के इस काम को देख हैरान रह गए। उनके लिए बंजर जमीन को ऐसे हरे-भरे वन में बदलता देख इस पर विश्वास करना मुश्किल था।
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