वेरावल और द्वारका नगरी के बीच मौजूद यह बीच शांत व आकर्षित समुद्री लहरों के लिए काफ़ी फेमस है। इसके पास मौजूद हुजूर पैलेस भी टूरिस्ट्स के लिए आकर्षण का केंद्र माना जाता है। यहां आप कई वॉटर स्पोर्ट्स जैसी एक्टिविटीज़ भी कर सकते हैं।
इस सैंक्चुअरी में आप राजहंस, डक एंड गीज़, ग्रीव्स, जैक्स, इंडियन रोलर जैसी किस्मों के पक्षियों को देख सकते हैं। इसके अलावा यहां आप जंगल सफारी का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।
यहां आप बापू से जुड़े कई सामान करीब से देख सकते हैं। कहा जाता है कि यहां उनके बचपन की सभी चीज़ों को संरक्षित करके रखा गया है। ऐसे में अगर आप इतिहास जानने में दिलचस्पी रखते हैं तो यहां ज़रूर पहुंचें।
यह प्राचीन जगह 12वीं-13वीं शताब्दी के दौरान सैंधव और फिर सौराष्ट्र के जेठवा राजवंश की राजधानी के रूप में जानी जाती थी। यहाँ कई ऐतिहासिक द्वार, मंदिर व प्राचीन काल में निर्मित संरचनाएं मौजूद हैं।
समय बिताने के लिए यह बेस्ट जगह है। इस साफ-सुथरी बीच पर सनसेट का नज़ारा बेहद खूबसूरत है। इसके अलावा आप यहां स्ट्रीट फूड खा सकते हैं और कई वॉटर स्पोर्ट्स में हिस्सा भी ले सकते हैं।
यह अत्यंत सुंदर और प्राचीन मंदिर श्री कृष्ण के मित्र सुदामा जी को समर्पित है। यह उनकी जन्म भूमि और कर्म भूमि के रूप में पोरबंदर का एक बहुत प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।
पहाड़ी क्षेत्र में स्थित यह सैंक्चुअरी कृषि क्षेत्र, बंजर भूमि और जंगल से घिरी हई है। यहाँ पाए जाने वाले जीव-जंतुओं में चिंकारा, शेर, तेंदुए वगैरह देखे जा सकते हैं। इसके अलावा आप वर्दा कि पहाड़ियों में ट्रेकिंग का लुत्फ़ भी उठा सकते हैं।
नेहरू प्लेटिनम की स्थापना 3 मार्च 1977 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा की गई थी, जो कि महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आन्दोलन को समर्पित है।