पुणे शहर में कंक्रीट के बने घरों की भीड़ में आपको एक ऐसा घर दिख जाएगा, जिसमें मिट्टी की खुशबू के साथ-साथ, आधुनिकता की झलक भी दिखेगी।

इस दो मंज़िला घर के मालिक हैं अन्वित फाटक।

“मिट्टी का घर बनाने से पहले, आपको ऐसे घर में रहने के लिए खुद को तैयार करना होगा।"                                             - अन्वित

पर्यावरण की अहमियत को समझते हुए ही अन्वित ने कुछ साल पहले इकोलॉजी का एक कोर्स भी किया था।

उसी समय वह अपनी ज़मीन पर घर बनाने की तैयारी कर रहे थे।

उन्होंने इसके बारे में ज़्यादा जानकारियां इकट्ठा करना शुरू किया और इसके लिए पुणे की एक आर्किटेक्ट अनुजा नूतन से संपर्क किया।

इसके बाद, अन्वित ने अपनी 3500 स्क्वायर फ़ीट की ज़मीन पर आर्किटेक्ट अनुजा की मदद से एक ईको-फ्रेंडली घर बनाने का काम शुरू किया।

अन्वित की आर्किटेक्ट ने, इस तरह के घरों से जुड़ी मुश्किलों के बारे में उनको पहले से आगाह कर दिया था।

जैसे एक नार्मल कंक्रीट के घर की तरह यह घर ज़्यादा बड़ा नहीं बनेगा, दीवारों में ज़्यादा अलमारियां वग़ैरह नहीं बन पाएंगी और मिट्टी की दीवारें काफ़ी मोटी होती हैं इसलिए फ्लोर एरिया कम हो जाएगा।

छत बनाने के लिए मिट्टी की ईंटों और बैम्बू का इस्तेमाल किया गया है। सभी दीवारों पर अंदर और बाहर की तरफ मिट्टी का प्लास्टर किया गया है। तीन कमरों वाले इस घर में नीचे के हिस्से की फ़र्श मिट्टी की ही है, जबकि पहली मंज़िल पर लकड़ी से फ्लोरिंग की गई है।  

वह खुद भी जब अपना कंस्ट्रक्शन देखने जाते थे, तो उन्हें सभी कमरे काफ़ी छोटे-छोटे लगते थे। तब उनकी आर्किटेक्ट उन्हें यह कहकर समझाती थीं कि इसे छोटा नहीं ‘कोज़ी’ (cozy) कहते हैं।

आज एक साल से इस घर में रहते हुए, अन्वित उस कोज़ीनेस को बहुत अच्छी तरह समझ गए हैं।