खुद की तलाश करने कॉलेज जाएं। "मैं किस काम में बेहतर हूं?" "मुझे किस चीज़ में खुशी मिलती है?"
लेकिन अगर आपने ऐसा नहीं किया, तो 40 साल की उम्र में आपको पछतावा होगा?
उन्हें अपनी जिंदगी से बाहर करने के बाद, गिल्ट महसूस न करें।
उम्र के इस पड़ाव पर आपको सबसे ज्यादा जज किया जाएगा। आपका कॉलेज। आपका काम। आपकी कार, आपका फोन, आपके कपड़े, आपकी पसंद, सब कुछ।
याद रखें, लोग अपनी खुशी के लिए ऐसा करते हैं। इसका आपसे कोई लेना-देना नहीं है। यह उनकी असुरक्षा की भावना है।
आप अकेले भ्रमित शख्स नहीं हैं। केवल आप ऐसे नहीं हैं, जो लाइफ में अनश्योर हैं। दुनिया में केवल आप ही संघर्ष करने वाले नहीं हैं।
आप बेवकूफ और अक्षम नहीं हैं।
हर कोई संघर्ष कर रहा है। हर कोई प्रयास कर रहा है।
अपने आप पर कठोर न बनें।
जब आप अपनी स्किल डेवलप कर रहे होते हैं, तो अपनी इमेज बिल्ड करना सबसे ज़रूरी होता है।
ऐसी इमेज बनाएं कि लोग कहेंः "पता नहीं उसे यह काम आता है या नहीं। लेकिन मुझे यकीन है कि अगर उसे यह काम दिया जाए, तो वह कर लेगी/लेगा। मुझे उस पर भरोसा है।"
जब आप कहते हैं कि आपके पास 5 साल का अनुभव है, तो क्या यह 5 साल का अनुभव है या एक साल का अनुभव 5 गुना हो गया है?
अपने काम में कंफर्ट ढूंढने के बजाय, उससे बाहर निकलकर काम करें।
हर बार जब आप किसी और के रास्ते पर चलने के लिए ललचाते हैं, तो रुकें और खुद से पूछें "क्या यह मेरी सफलता की परिभाषा है? या उनकी है?"
सीखने के लिए काम करें, वेतन के लिए नहीं।
डर का सामना करने के लिए काम करें, आराम के लिए नहीं।
प्रगति के लिए काम करें, स्थिरता के लिए नहीं।
अपना मेंटॉर बनने के लिए किसी एक व्यक्ति पर बोझ न डालें। यह न सोचें कि सलाहकार केवल वही हो सकता है, जो बहुत अनुभवी हो।
अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए अलग-अलग गुरु चुनें। ऐसे गुरु, जो दुनिया को अलग तरह से देखते हैं और आपसे सवाल पूछते हैं।
"कमाल है! इंसान का जीवन 20 के दशक में कितना आकार लेता है और सही इसे दिशा कैसे दी जाए, इस पर कितना कम मार्गदर्शन है।"