मंगलुरु के संतोष और दीपिका शेट ने एक ऑटोमेटिक ड्रिप सिस्टम तैयार किया है, जो आपकी ग़ैरहाज़री में भी आपके गार्डन को पानी दे सकता है।

अर्बन गार्डनर्स के लिए अपनी बालकनी में कुछ एक पौधों का ध्यान रखना भी बड़ी समस्या होती है।  विशेषकर जब उन्हें रोज़ ऑफिस या छुट्टियों पर जाना हो। 

मंगलुरु के संतोष शेट कहते हैं, "जब हम काम कर रहे थे या ट्रिप पर जाते थे तो हमें भी ऐसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ता था। 

इसलिए हमने इसके लिए एक स्मार्ट समाधान खोजा, जिससे हमारे न रहने पर भी पौधों को पानी मिल सके।"

संतोष और उनकी पत्नी दीपिका ने कुछ समय पहले ही सॉफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़ी थी। तब उन्हें पता नहीं था कि वे क्या नया करेंगे।

बहुत सोचने के बाद उन्होंने, अर्बन गार्डनर्स की दिक्कत पर काम करने की सोची और एक ऑटोमेटिक ड्रिप-सिंचाई प्रणाली बनाई।  

एक साल तक काम करने के बाद, उन्होंने वॉटर ऑटोमेशन सिस्टम तैयार किया। 

यह एक IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) प्लेटफॉर्म पर चलता है और किसी वेबसाइट या मोबाइल ऐप से उपयोग किया जा सकता है।

इसी साल, संतोष ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी जबकि दीपिका, अपनी बेटी की देखभाल के लिए पहले ही नौकरी छोड़ चुकी थीं।

पांच साल पहले की बात को याद करते दीपिका बताती हैं,  "जब मैं प्रेगनेंट थी और उडुपी में अपने माता-पिता के घर में थी। तब हमारे बालकनी गार्डन में पानी देने के लिए मुझे संतोष को याद दिलाना पड़ता था। काम के कारण वह हमेशा ही पौधों में पानी डालना भूल जाते थे।"

उस समय से ही,  उन्होंने इस दिक्कत का कुछ स्थायी उपाय खोजना शुरू कर दिया।

उनका बनाया यह डिवाइस, पौधों को कब और कितना पानी देना है,  यह निर्धारित करने में मदद करता है।

इसे  बैटरी से चलाया जाता है और आप इसे वेबसाइट या मोबाइल ऐप के ज़रिए चला सकते हैं। ऐप के ज़रिए आप पौधे में कितना पानी गया इसकी हिस्ट्री भी चेक कर सकते हैं।  

इसके लिए आपको एक वॉटर टैंक बालकनी में रखना होगा बस।  संतोष और दीपिका एक टैंक डिवाइस के साथ देते हैं, जो छोटी जगह में आराम से आ जाएगा।  

हाल में उन्होंने, मंगलुरु, कर्नाटक में पांच घरों में अपने डिवाइस लगाए हैं। और जल्द ही वह इसका बड़ा मॉडल बनाने की योजना बना रहे हैं।  

'उक्षती ऑटोमेशन सिस्टम' नाम के स्टार्टअप के ज़रिए वे अपना प्रोडक्ट बेच रहे हैं। आप उनसे 88615 67365 पर संपर्क कर सकते हैं।