मिलिए भारत के उन 10 वैज्ञानिकों से, जिनके काम का फ़ायदा आज हम सभी को हो रहा है, लेकिन उनका नाम समय के साथ हम भुला चुके हैं।
1. डॉ नित्या आनंद
दुनिया की पहली गैर-स्टेरायडल गर्भनिरोधक गोली केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) में डॉ. नित्या आनंद और उनकी टीम ने विकसित की थी। बढ़ती जनसंख्या के खिलाफ भारत के संघर्ष में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
2. रुचि राम साहनी
रुचि राम साहनी एक भारतीय वैज्ञानिक और शिक्षाविद् थे जो विभाजन-पूर्व युग के दौरान पंजाब में सक्रिय थे। एक अग्रणी मौसम विज्ञानी और भौतिक विज्ञानी थे। जिन्होंने,पंजाब विज्ञान संस्थान की स्थापना की।
3. कमला सोहनी
कमला सोहोनी भारत की पहली ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विज्ञान के विषय से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी।
4.किशोरी मोहन बंद्योपाध्याय-
किशोरी मोहन बंद्योपाध्याय ने नोबेल पुरस्कार विजेता रोनाल्ड रॉस के मलेरिया अनुसंधान में उनके प्रयोगशाला सहायक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन उनके काम को कभी उचित मान्यता नहीं मिली।
5. अन्ना मणि
मणि ने मौसम का अवलोकन करने वाले उपकरणों के डिजाइन करने में योगदान दिया था जो आज देश के मौसम के पहलुओं को मापने और उनका अनुमान लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
6. नागमणि कुलकर्णी
1916 को बेंगलुरु में डॉक्टर शमा राव और उनकी पत्नी थंगम्मा के घर जन्मी नागमणि, ब्रिटिश राज के दौरान 1943 की शुरुआत में भौतिक रसायन विज्ञान में पीएचडी प्राप्त करने वाली शहर की पहली महिलाओं में से एक थीं।
7. पद्म श्री मानस बिहारी वर्मा
1943 में जन्मे डॉ मानस बिहारी वर्मा देश के पहले लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट विमान 'तेजस' की नींव रखने वाली टीम के सदस्य थे।
8. नरिंदर सिंह कपानी
कपानी भारतीय मूल के अमेरिकी भौतिक विज्ञानी थे, जिन्हें फाइबर ऑप्टिक्स में अपने काम के लिए जाना जाता है।
9. डॉ. दर्शन रंगनाथन
दर्शन रंगनाथन भारत की एक कार्बनिक रसायनज्ञ थीं, जिन्हें जैव-कार्बनिक रसायन विज्ञान में उनके काम के लिए जाना जाता था, जिसमें "प्रोटीन फोल्डिंग" में अग्रणी कार्य भी शामिल था।
10. डॉ. राजा रमन्ना
वह वैज्ञानिक जिनकी सोच और साहस का नतीजा था पोखरण का ‘परमाणु परीक्षण’!