कोरोना महामारी की वजह से लोगों की जिंदगी थम सी गई है। इन मुश्किल हालातों में खुद को तनावमुक्त रखना सबसे जरूरी चीज है। आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे शख्स की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान बागवानी में सब्जी उगाने का फैसला किया और आज वह अपने गार्डन में ढेर सारे नए प्रयोग कर रहे हैं।
राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले विजय शर्मा पेशे से एसपी मेडिकल कॉलेज, बीकानेर में एक स्वीमिंग कोच हैं। लॉकडाउन की वजह से कॉलेज बंद हो गया था। लेकिन, विजय ने इस कठिन वक्त में खाली समय में अपने घर को हरा-भरा करने की मुहिम शुरू कर दी।
आज विजय अपने घर में 150 से अधिक गमलों में आम, अनार, संतरा, किन्नू जैसे फलों के साथ-साथ गाजर, मूली, धनिया, गोभी जैसे कई सब्जियों की खेती करते हैं।
विजय ने द बेटर इंडिया को बताया, “मैं अपने छत और घर के नीचे, 1500 वर्ग फीट जगह पर 150 से अधिक गमलों में फलदार और औषधीय पौधों के अलावा कई सब्जियों की खेती करता हूँ।“
वह बताते हैं, “मैं अपने गार्डन में बेकार ड्रम, टायर, टूटे-फूटे प्लास्टिक के सामानों का इस्तेमाल करता हूँ। इसके अलावा, मैं पुराने तोलिये को सीमेंट के पतले घोल में भिगोकर गमला भी बनाता हूँ। हाल ही में पौधों को लगाने के लिए पोखरण की लाल मिट्टी से हाथी, घोड़ा, ऊँट आदि जानवरों के आकार में बने घड़ों को भी लाया है, जो मेरे बच्चों को काफी पसंद है।“
कैसे बागवानी की तरफ बढ़ा रूझान
विजय बताते हैं, “मुझे और मेरी माँ को ग्वार फली की सब्जी काफी पसंद थी, लेकिन बाजार में यह काफी महंगा मिलता था और गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती थी। इसलिए लगभग 3 साल पहले हमने गमले में ग्वारफली के बीज लगाए थे। फिर, धीरे-धीरे हम छत पर पालक-भिंडी जैसे 8-10 पौधों की बागवानी करने लगे। लेकिन, लॉकडाउन में हमने अपने दायरे को बढ़ाने का फैसला किया।”
विजय बताते हैं, “आज मेरे दिन की शुरूआत इन्हीं पौधों से होती है, मेरा पूरा परिवार पौधों की देख-भाल एक बच्चे की तरह करता है।“
विजय कहते हैं कि राजस्थान में काफी भीषण गर्मी पड़ती है, लेकिन घर में बागवानी करने से एक खुशनुमा माहौल बना रहता है। उन्होंने अपने बगीचे में नेट लगाने के बजाय गिलोय को लगाया है, ताकि उसकी लताएं सेहत और बगीचे की रक्षा करने के साथ-साथ घर को धूप से ठंडा रखने में भी मदद करे।
विजय अपने पौधों के लिए मिट्टी का निर्माण रेतीली मिट्टी में 50 प्रतिशत गोबर की खाद या कोकोपिट मिलाकर करते हैं। वहीं, उन्होंने सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को अपनाया है, जिससे सिंचाई के लिए पानी की बचत करने में मदद मिलती है।
विजय की बागवानी से संबंधित महत्वपूर्ण टिप्स
- बागवानी की शुरूआत मौसमी सब्जियों से करें। इससे आपको बागवानी का बेहतर अनुभव मिलेगा।
- अपने पौधों की हर दिन 60-90 मिनट देखभाल करें।
- पौधों की नियमित रूप से सिंचाई करें।
- यदि फलदार पौधे हैं, तो इनकी नियमित रूप से कटिंग करते रहें।
- मौसमी पौधों को मौसम के अनुसार और फलदार पौधों को बारिश के मौसम में लगाएँ, इससे जड़ें मिट्टी को जल्दी पकड़ती है।
- मिट्टी का निर्माण 50 फीसदी खाद और 50 फीसदी मिट्टी मिलाकर करें।
विजय बताते हैं, “मुझे अब बाजार से सब्जी खरीदनी नहीं पड़ती है। यही कारण है कि मुझे हर महीने 1000-1500 रुपए की बचत भी हो रही है।“
इन नतीजों से उत्साहित विजय जल्द ही बिकानेर में, 5 बीघा जमीन लीज पर लेकर, बड़े पैमाने पर जैविक विधि से खेती करने की योजना बना रहे हैं।
आप विजय शर्मा से 07357350999 पर संपर्क कर सकते हैं।
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