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इनके 650 Sq.ft की छत पर हैं 600 पौधे; कम्पोस्ट, बीज, गमले सबका जुगाड़ करती हैं घर पर

Minal Pandya's Roof Terrace Garden In Surat

सूरत की रहनेवाली 42 वर्षीया मीनलपंड्या का गार्डनिंग से लगाव लॉकडाउन के दौरान ही बढ़ा। घर में रहते हुए, उन्होंने ऑनलाइन गार्डनिंग सीखी और घर की चीजों से ही एक किचन गार्डन तैयार कर लिया।

पिछले साल कोरोना महामारी के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए भी लोग डर-डरके निकला करते थे। ऐसे में, सूरत में रहने वाली मीनल पंड्या ने लॉकडाउन के समय ही, अपनी छत को बगीचे में बदलना (roof terrace garden) शुरू किया था। उस समय उनके पति उन्हें पॉट्स और खाद लाने की इजाजत भी नहीं देते थे। क्योंकि संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा था। लेकिन मीनल को घर पर सब्जियां उगाने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि वह खुद ही कम्पोस्ट बनाकर चना, मिर्च, टमाटर आदि उगाने लगी।  

मीनल ने पॉट्स के लिए चावल, दाल के पैकेट्स और तेल के खाली डिब्बों सहित हर एक बेकार वस्तु का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। कोरोना महामारी के दौरान वह कम भीड़-भाड़ वाली सड़क के किनारे से मिट्टी लाकर इस्तेमाल करतीं थीं। 

मीनल फिछले डेढ़ साल से गार्डनिंग कर रही हैं और आज वह अपने परिवार को हफ्ते में दो दिन घर में उगी सब्जियां खिला रही हैं।

Minal Pandya On Her Roof Terrace Garden
Minal Pandya On Her Roof Terrace Garden

द बेटर इंडिया से बात करते हुए मीनल कहती हैं, “मेरे घर में पहले 10 गमले ही थे। इनमें कुछ फूल और सजावटी पौधे सालों से उगते थे। इन पौधों की देखभाल के लिए भी मैंने एक माली रखा था। लेकिन पिछले एक साल में, मैंने जाना कि खुद गार्डनिंग करने का मज़ा कुछ अलग ही होता है।”

मीनल के अनुसार आप कम से कम सुविधाओं में भी, एक अच्छा गार्डन तैयार कर सकते हैं। आपको केवल हर एक पौधे के बारे में अच्छी जानकारी इकट्ठा करनी होगी।  

गार्डनिंग का जुनून 

पेशे से टीचर मीनल, पहले समय और घर की जिम्मेदारियों के कारण ज्यादा पौधे नहीं उगा रही थीं।  लेकिन ऐसा नहीं था कि उनको शौक नहीं था। वह शादी के पहले अपनी माँ को गार्डनिंग करते देखती थीं। वह कहती हैं, “मेरी माँ भी घर में थोड़ी बहुत सब्जियां उगाती थीं। लेकिन आज गार्डनिंग मेरे जीवन का अभिन्न अंग हो गया है। यह देखकर मेरी माँ भी बहुत खुश होती हैं।”

लॉकडाउन के कुछ समय पहले ही मीनल ने अपनी नौकरी छोड़ दी। इसलिए वह उस दौरान बिल्कुल फ्री थीं। तभी उन्हें अपने 650 स्क्वायर फ़ीट की छत पर सब्जियां उगाने का ख्याल आया। घर में उनके पास जो भी बीज मौजूद थे, उससे उन्होंने कुछ पौधे उगाना शुरू किया। 

organic vegetables from home  kitchen garden

वह कहती हैं, “मैंने शुरुआत में चने भी उगाए थे। मैंने जब अपने घर में चना उगा हुआ देखा तो मेरा हौसला काफी बढ़ा। मुझे लगा कि मेरी थोड़ी सी मेहनत के कारण परिवार को ऑर्गेनिक सब्जियां मिल रही है।  इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है? अब गार्डनिंग ही मेरा काम बन गया है।”

मीनल सब्जी के अलावा अपने roof terrace garden में फल भी उगा रही हैं, जिसमें आम, केला, सीताफल, शहतूत, स्टार फ्रूट, ड्रैगन फ्रूट, अनानस शामिल हैं। फलों के पौधों के लिए उन्होंने ग्रो-बैग का इस्तेमाल किया है। लॉकडाउन के दौरान वह इन पौधों को अनाज की बोरियों में उगा रही थीं।

मीनल के गार्डन में पांच रंगों के गुड़हल के पौधे भी हैं। वहीं, वह कुछ मौसमी फूल भी उगाती हैं, जिससे गार्डन की शोभा भी बढ़ती है।  

उन्होंने बताया, “इस ठंड के मौसम में मैंने हरी प्याज, हरी लहसुन, टमाटर, मेथी और पालक बाहर से बिल्कुल खरीदे ही नहीं है। इन सब्जियों के लिए ज्यादा बड़े पॉट्स की जरूरत नहीं होती इसलिए मैंने छोटे-छोटे कंटेनर में कई पौधे उगाए हैं।”

गार्डनिंग से किचन का कचरा हुआ ख़त्म 

मीनल ने बताया कि गार्डनिंग की वजह से, उनके घर का कचरा अब बाहर नहीं जाता है। वह आइसक्रीम और खाने-पीने के डिब्बों को प्लांट प्रोपोगेट करने के लिए इस्तेमाल करती हैं। साथ ही किचन का बायो-वेस्ट, कम्पोस्ट बनाने में इस्तेमाल हो जाता है।

Minal Pandya growing fruits, vegetables and flowers at her terrace

गार्डनिंग करने के कई फायदों में से एक सबसे बड़ा फायदा मीनल, वेस्ट मैनेजमेंट को मानती हैं। अब उनके घर का कचरा ना के बराबर हो गया है। शैम्पू की बोतल से लेकर सब्जियों को धोने के बाद बचा पानी तक, सबका इस्तेमाल उनके roof terrace garden में हो जाता है।   

मीनल कहती हैं, “सब्जी के लिए अदरक और मिर्च की पेस्ट तैयार करने के बाद मिक्सर के पॉट का पानी भी मैं कीटनाशक की तरह पौधों में डालती हूं। जिससे छोटे-छोटे कीड़े आराम से मर जाते हैं।”

उन्होंने लॉकडाउन के समय कृषि विज्ञान केंद्र से ऑनलाइन गार्डनिंग का कोर्स भी किया था। अब मीनल अपने जैसे नए गार्डनर को भी कई पौधे देती हैं। उनके पति और दोनों बच्चे भी गार्डनिंग में उनकी मदद करते हैं।

during harvesting from roof terrace garden

सब्जियों और फलों के साथ मीनल को औषधीय पौधों में भी काफी रुचि है। उन्होंने कई औषधीय पौधे ऑनलाइन भी मंगवाए हैं,  जिसे वह नियमित रूप से इस्तेमाल भी करती हैं। उनके पास एक विशेष गरम मसाला का पौधा है, जिसकी एक पत्ती से ही सब्जी में सभी मसालों का स्वाद आ जाता है।  

गार्डनिंग के प्रति लगाव के बारे में मीनल कहती हैं , “पहले मैं नौकरी करती थी और जब घऱ लौटती थी तो काफी थक जाती थी, बावजूद इसके मुझे अच्छी नींद नहीं आती थी। लेकिन जब से गार्डनिंग शुरू की है, मैं हर दिन चैन से सोती हूं। मैं सभी लोगों से यही कहती हूं कि यदि घर में खाली जगह है तो कुछ पौधे जरूर लगाएं।”

मीनल की यह कहानी बताती है कि गार्डनिंग करने के लिए ज्यादा महंगी चीजों की जरूरत नहीं होती, शौक ही काफी है। तो देर किस बात की, आप भी अपने घर में शुरू करें पौधे उगाना और तैयार करें एक सुंदर Roof Terrace Garden ।  

हैप्पी गार्डनिंग!

संपादन- जी एन झा

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